कोरोना का कहर : मात्र 6 दिनों में पूरे परिवार को किया नेस्तानाबूद

कोरोना का कहर : मात्र 6 दिनों में पूरे परिवार को किया नेस्तानाबूद

कोरोना नहीं पर कोरोना के डर से और परिजनों को खोने के सदमें से हुई मृत्यु, परिवार बना निराधार

पूरे विश्व में कोरोना ने अपना कहर ढाया हुए है। गुजरात में कई लोगों की कोरोना के कारण मृत्यु हुई है। कई परिवार ने अपने मुखिया खो दिये तो कई परिवार ने अपने संतानों को आखिरी बार देखा। ऐसे ही एक और करुणान्तिका सामने आई है अमरेली के राजुला जिले में से जहां परिवार के 3 सदस्यों को कोरोना खा गया और पूरे परिवार को बिखेर कर चला गया। 
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अमरेली के राजुला स्थित श्रीजीनगर सोसाइटी में रहने वाले महेशभाई अपनी ड्रायक्लीनिंग की दुकान चलाते है। लगभग 20 दिन पहले महेशभाई, उनके पिता भूपतभाई और माता विमलाबेन कोरोना संक्रमित हुये थे। परिवार के सभी सदस्य को राजुला की निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था। हालांकि तूफान के कारण राजुला में बिजली चली गई और सभी को भावनगर रिफर किया गया। जहां महेशभाई कोरोना से स्वस्थ हो गए और लगतार डॉक्टरों को वह नहीं जी पाएंगे इस तरह की बात कर रहे थे। 
हालांकि डॉक्टरों ने भी उनको हिम्मत देने का प्रयास किया पर महेशभाई कोरोना के कारण अत्याधिक डर गए थे। महेशभाई ने कोरोना के डर के कारण अपने सभी मित्रों को बाय का मेसेज भी कर दिया था और अंत में दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। बता दे की महेशभाई की कोरोना रिपोर्ट भी नेगेटिव आई थी। 25 मई को महेशभाई की मौत होने के बाद जैसे ही यह बात पिता को पता चली, वह भी अपने पुत्र की मृत्यु का सदमा नहीं सहन कर सके। अंत में पाँच दिन के बाद माता ने अपने पुत्र और पति के रास्ते ही स्वर्ग सिधार गई। 
सबसे करूण बात यह है की कोरोना संक्रमित होने के बावजूद तीनों में से किसी की कोरोना के कारण नही पर कोरोना के डर और उसके चलते अपने परिजनों को खोने के आघात के कारण हुई। मात्र 6 दिनों के अंतर में परिवार के तीन सदस्यों के खोने के बाद परिवार के अन्य सदस्यों को गहरा सदमा लगा है। महेशभाई की पत्नी और उनके दो संतान अब महेशभाई की अनुपस्थिति में निराधार बने है।