लंदन की शानौ-शौकत छोड़ गांव में जीवन बिताने स्वदेश लौटा ये कपल

लंदन की शानौ-शौकत छोड़ गांव में जीवन बिताने स्वदेश लौटा ये कपल

गाँव में रहने वाले माता-पिता की चिंता के चलते लंदन छोड़ गाँव में रहने आया परिवार, सँभाला बाप-दादाओं का कारोबार

भारत में अधिकतर लोगों का सपना होता है वह विदेश में जाकर एक अच्छी नौकरी कर के आराम से अपना जीवन बिताए। लोग सपना देखते है की यदि उनको विदेश जाने का मौका मिले तो किस तरह वह वहाँ लाखों की नौकरी कर के एक आराम की जिंदगी जी सकेगे। कई लोग तो इस बात के विचार मात्र से खुश हो जाते है। ऐसे में विदेश में सेटल हो चुके इस युवा दंपत्ति ने विदेश में अपनी शानौ-शौकत भरी जिंदगी छोड़ कर उन्होंने गाँव आने का निर्णय किया। यही नहीं गाँव आकर कोई नौकरी करने की जगह उन्होंने अपने बाप-दादाओं का काम फिर से शुरू किया। 
(Photo Credit : gujjurock.in)

जहां एक और 21वीं सदी में लोगों को गाँव में रहना बिलकुल पसंद नहीं है। वही यह युवा दंपत्ति इंग्लैंड में अपना जीवन छोड़ कर अपने वतन पोरबंदर रहने चला आया। गाँव आकर परिवार ने खेती और पशुपालन का अपना पुराना व्यवसाय फिर से शुरू किया है। रामदे खूंटी और उनकी पत्नी भारती खूंटी इस बारे में बात करते हुये कहते है कि वैसे तो इंग्लैंड में उनका जीवन काफी सुख से बीत रहा था। पर उन्होंने लंदन छोड़ अपने गाँव आने का निर्णय लिया। साल 2006 में रामदे काम करने के लिए इंग्लैंड गए थे, 2 साल काम करने के बाद वह भारत आए और यहा उन्होंने शादी कर ली। साल 2010 में भारती भी अपना एयरपोर्ट मेनेजमेंट का कोर्स पूर्ण कर लंदन चली गई, जहां उसने इंटरनेशनल टूरिज़म और होस्पिटलिटी मेनेजमेंट का कोर्स किया। इसके बाद भारती ने ब्रिटिश एयरपोर्ट पर नौकरी शुरू कर दी। 
लंदन में दोनों की जिंदगी काफी अच्छी चल रही थी। दोनों को एक संतान भी हुई। पर रामदे को गुजरात में रहने वाले अपने माता-पिता की चिंता सताने लगी थी। गुजरात में उनका ध्यान रखने वाला कोई नहीं था और खेती का काम भी कोई और ही कर रहा था। जिसके चलते रामदे ने भारत में अपने माता-पिता के पास जाने का निर्णय लिया। जिसमें उसकी पत्नी ने भी उसका साथ दिया। जिसके चलते दोनों लंदन छोड़ कर गुजरात आ गए। गुजरात में आकर उन्होंने भी खेती का काम शुरू किया।
शुरुआत में इन सब में भारती को थोड़ी दिक्कत तो हुई, क्योंकि उसने पहले कभी भी खेती काम नहीं किया था। पर अपनी मेहनत के चलते जल्द ही भारती ने सबकुछ सीख लिया। अब भारती गाय और भैंस को दोहने के साथ अन्य सभी काम भी खुद ही करती है। भारती को देखने के बाद यह अंदाजा भी नहीं आ सकता की वह पहले लंदन में रह चुकी है। रामदे कहते है की आज वह खेती के लिए आधुनिक रीत अपना रहे है और जैविक खेती का इस्तेमाल कर रहे है। वह कहते है की उन्हें अंदाजा भी नहीं था की गाँव में रहकर इतना शानदार जीवन जिया जा सकता है। उनके लिए सबसे खुशी की बात यह है की अब वह अपने परिवार के साथ है। एक साल पहले भारती और रामदे ने अपना एक यू-ट्यूब चेनल भी शुरू किया था। जहां वह आधुनिक तकनीक से खेती करने के टिप्स देते है।