जानें कोरोना संकट काल में इस डॉक्टर के खिलाफ क्यों दर्ज हुआ 37 मानव-वध का अपराध

जानें कोरोना संकट काल में इस डॉक्टर के खिलाफ क्यों दर्ज हुआ 37 मानव-वध का अपराध

गुजरात के भरूच जिले के राजपीपला में सक्रिय था ये झोलाछाप डॉक्टर, जानें ‌इसकी करतूत

गुजरात में कोरोना वायरस के पॉजीटीव मामलों में लगातार वृद्धि हुई है। कोरोना महामारी के बीच फर्जी डॉक्टरों को भी पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ा है। इसी क्रम में एक डॉक्टर ने लगभग 200 रोगियों का इलाज किया और उन 200 रोगियों में से 37 की मृत्यु हो गई। अब इस डॉक्टर के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है। डॉक्टर का नाम भावेश कुकड़िया है और वह भरूच जिले के राजपीपला पब्लिक अस्पताल में ड्यूटी पर था। इसके अलावा, डॉक्टर पर मरीज की झूठी रिपोर्ट के आधार पर गलत ढंग से बीमा पास कराने का भी आरोप है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गुजरात के चिकित्सा क्षेत्र में यह पहला मामला होगा जहां एक डॉक्टर के खिलाफ 37 मानव-वध का अपराध दर्ज किया गया हो। वलसाड और भरूच के ग्रामीण इलाकों में आज भी ऐसे फर्जी डॉक्टर कार्यरत हैं और मरीजों की जान से खेलते हैं। 
प्रतिकात्मक तस्वीर
राजपीपला में डॉ भावेश कुकड़िया नाम का शख्स लंबे समय से फर्जी डॉक्टर की डिग्री के आधार पर मरीजों का इलाज कर रहा था। पुलिस जांच में पता चला कि वह पिछले तीन साल से लोगों के स्वास्थ्य के साथ खेल खेल रहा था। एक दंपति ने थाने में डॉ भावेश कुकड़िया के खिलाफ धोखाधड़ी और विश्वासघात की शिकायत दर्ज कराई थी।
पुलिस द्वारा आगे की जांच में बाद में पता चला कि नकली डॉक्टर ने 200 से अधिक रोगियों का इलाज किया था और उनमें से 37 की मौत हो गई थी। लिहाजा पुलिस ने 37 मरीजों की मौत के मामले में डॉक्टर भावेश कुकड़िया के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। 
उधर, वड़ोदरा में भी भावेश कुकड़िया के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है। वड़ोदरा के पानीगेट पुलिस स्टेशन में 22 जनवरी को एक महिला ने डॉ भावेश कुकड़िया के खिलाफ कोरोना की रिपोर्ट निकाल कर बीमा राशि हड़पने की शिकायत दर्ज कराई थी। यह देखना बाकी है कि इस फर्जी डॉक्टर को क्या सजा मिलेगी। एक तरफ सरकार लोगों को बचाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है और दूसरी तरफ ऐसे डॉक्टर लोगों के जीवन को खतरे में डाल रहे हैं।
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