'कोरोना काल में पैसे नहीं है किसी काम के' कहकर आधेड़ युवक ब्रिज पर अटका

'कोरोना काल में पैसे नहीं है किसी काम के' कहकर आधेड़ युवक ब्रिज पर अटका

ब्रिज पर चढ़कर सबसे पहले नीचे फेंके पैसे, नीचे कूदने के पहले आसपास जमा लोगों ने बचाया

राज्य में कोरोना वायरस के पॉजिटिव केसों की संख्या लगातार बढ़ रही है। तो वही कोरोना की महामारी के बीच आत्महत्याओं की संख्या में भी इजाफा देखने मिल रहा है। ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं जहां कोई आर्थिक परेशानी से तो कोई सूदखोरों के आतंक से परेशान होकर आत्महत्या कर रहा है। कई लोगों ने तो कोरोना के डर के कारण ही आत्महत्या की हो ऐसा भी सामने आया है। वायरस ने लोगों के शरीर पर प्रभाव के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर की है।
गुजरात के भरूच में से भी एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति ने ब्रिज पर चढ़कर आत्महत्या करने का प्रयास किया। व्यक्ति ने ब्रिज पर से कूदकर आत्महत्या करने के पहले बीच के ऊपर से पैसे नीचे फेंक रहा था। हालांकि वह कूदे इसके पहले ही वहां मौजूद लोगों ने व्यक्ति को आत्महत्या करने से बचा लिया। विस्तृत जानकारी के अनुसार भरूच के अंकलेश्वर में एक ब्रिज पर से एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति रेलिंग कूदकर आत्महत्या का प्रयास कर रहा था। सबसे पहले तो ब्रिज पर से इस व्यक्ति ने पैसे से भरी थैली में से पैसे फेंकना शुरू किया। 
व्यक्ति लगातार कह रहा था कि इस कोरोना में पैसे किसी काम के नहीं है। उसके बाद वह कूदने का प्रयास करने ही जा रहा था, तभी आसपास इकट्ठा हुए लोगों ने उसको कूदने से से बचा लिया। लोगों द्वारा बचाए जाने के बाद भी व्यक्ति अपनी थेली में से पैसे फेंकते ही जा रहा था। उल्लेखनीय है कि कोरोना कि महामारी के दौरान कई लोगों ने अपना मानसिक संतुलन गुमाया है। महामारी की शुरुआत में ही अहमदाबाद में एक किस्सा सामने आया था। जहां दिन भर कोरोना की खबरे सुनने के कारण युवक लगातार उसे कोरोना हुआ है और वह मर जाएगा इस तरह की बात करता था।