गुजरातः मानव सेवा ही प्रभु सेवा के आदर्श वाक्य सार्थक करता मानव सेवा परिवार ट्रस्ट

गुजरातः मानव सेवा ही प्रभु सेवा के आदर्श वाक्य सार्थक करता मानव सेवा परिवार ट्रस्ट

प्रार्थना के लिए जोड़े हाथ से मदद के लिए बढ़ने वाला हाथ अधिक महत्वपूर्ण है'

भूखों को भोजन प्रदान करने वाला यह ट्रस्ट 8 वर्षों से सेवा कार्य कर रहा है
गरीबों की सेवा में जीवन समर्पिंत करने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी में 'मानव सेवा प्रभु सेवा' के आदर्श वाक्य को अपनाया था। गुजरात के नडियाद शहर में  , जय मानव सेवा परिवार ट्रस्ट द्वारा भी  महात्मा का आदर्श वाक्य को सार्थक करने भूखों को भोजन परोस कर गरीबों की सेवा में सहयोगी बन रहा है।  नाडियाड शहर के सभी जरूरतमंद लोगों को जय मानव सेवा परिवार ट्रस्ट द्वारा भोजन प्रदान किया जाता है। वर्तमान में देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। फिर इस महामारी के दौरान, इस ट्रस्ट द्वारा भूखों को भोजन परोसा जाता है। साथ ही परिवार में एक ही महिला है उसे कोरोना हो जाये तो परिवार के शेष सदस्यों के लिए भी यह संस्था द्वारा घर-घर टिफिन पहुंचाया जाता है।  फुटपाथ पर सो रहे असहाय लोगों के लिए भी यह संगठन आगे आया है। शाम में लगभग 1000 भूखे लोगों को अन्नपूर्णा टिफिन सेवा मुफ्त प्रदान की जाती है। इस अन्नपूर्णा मुक्त टिफिन के लिए लगभग 25 लोग खाना पकाने में सेवारत हैं। 
संस्था के मनुभाई जोशी ने कहा कि यह संस्था 2014 से लगातार काम कर रहा है। हम भूखे लोगों का पेट भरते हैं, जिससे हमें बहुत आनद आता है। इस संस्था ने 5 टिफिन से  शुरुआत  की  थी और अब हजारों लोगों के घरों में इस संस्था द्वारा टिफिन पहुंचाए जाते हैं। साथ ही  कई सेवा कार्य भी किए जा रहे हैं। जैसे कि अंतिम रथ सेवा, अंतिम किट सेवा, श्रद्धांजलि सेवा, घर के लिए टिफिन सेवा, एम्बुलेंस सेवा, डेड बॉडी फ्रीज़र सेवा और साथ ही बेटे का घर (वृद्धाश्रम) को भी हाल ही में शुरू किया गया है। शाम के समय  फुटपाथों और झुग्गियों में रहने वाले ज़रूरतमंद लोगों को मुफ्त गर्म भोजन परोसकर मानव सेवा का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रदान किया जा रहा है। मनु महाराज ने स्वामी विवेकानंद की पंक्ति के हवाले से कहा कि प्रार्थना के लिए जोड़े हाथ से मदद के लिए बढ़ने वाला हाथ अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि संस्था में जुड़े सेवा भावी युवकों द्वारा जहां झोपड़पट्टी में गरीब लोग रहते हैं उस क्षेत्रों में जाकर गरम-गरम भोजन दिया जाता है। 
कोरोना के तीव्र संक्रमण के दौर में पूरा का पूरा परिवार संक्रमित हो रहा हैं। ऐसे में घर अन्य सदस्य होम कोरोन्टीन होते हैं तो दो वक्त के भोजन की व्यवस्था भी करना मुश्किल हो जाता है।  ऐसी विकट परिस्थिति  में नाडियाद के 100 से अधिक होम कोरोन्टीन लोगों कोदो समय का भोजन दिए जाते हैं। यही नहीं, शहर के अस्पतालों में भर्ती मरीजों के परिजनों का भी इस ट्रस्ट द्वारा ध्यान रखा जाता है और प्रतिदिन तैयार होने वाले लगभग 1000 टिफिन के पौष्टिक भोजन को युवाओं की टीम द्वारा समय पर पहुंचाया जाता है। इस प्रकार, ट्रस्ट हर दिन 1000 लोगों को पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन प्रदान कर पूण्य कार्य किया जाता है। 
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