कोरोना ने की यह कैसी दुर्दशा, मृत देह को कंधा देने भी नहीं आ रहे है लोग!

कोरोना ने की यह कैसी दुर्दशा, मृत देह को कंधा देने भी नहीं आ रहे है लोग!

बढ़ रहे संक्रमण के कारण एक-दूसरे के घर भी जाने से डर रहे है लोग, पैसे देकर बुलाने पड़ रहे है मृतदेह को कंधा देने के लिए बाहर से लोग

कोरोना वायरस की बीमारी ने राज्य में रौद्र स्वरूप धारण किया है। पॉजिटिव केसों के साथ-साथ अब मृत्युआंक भी हर दिन बढ़ते जा रहा है। सभी श्मशानों में मृतदेह की मानो लाइन सी लग गई है। खासकर के महानगर सूरत और अहमदाबाद में तो परिस्थिति हद से काफी ज्यादा बाहर हो चुकी है। कई बार ऐसे केस भी सामने आए हैं कि एक व्यक्ति के कारण पूरा परिवार भी कोरोना से पीड़ित हो जा रहा है। 
हालांकि ऐसे में यदि किसी परिवार में से मात्र एक व्यक्ति का रिपोर्ट नेगेटिव आ जाए तो मानो उसके ऊपर पहाड़ टूट पड़ा हो ऐसी स्थिति होती है। सभी की दवा लेने से लेकर अस्पताल तक ले जाने की जिम्मेदारी में आदमी की हालत खराब हो जाती है। स्थिति ऐसी हो गई है कि यदि घर में से किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उसे कंधा देने के लिए अन्य कोई रिश्तेदार भी नहीं आ रहे। लोगों को पैसे देकर कंधा देने वालों को भाड़े पर रखना पड़ रहा है। एक घटना अहमदाबाद के थलतेज इलाके में एक महिला के मृतदेह की अंतिम विधि करने के लिए पति और उसकी बेटी इस तरह मात्र दो ही व्यक्ति गए। संकट इस समय में सभी रिश्तेदारों को भी कोरोना का डर लग रहा है। रिश्तेदार एक दूसरे के घर आने से और एक दूसरे के कंधे पर सर रखकर रोने से भी डर रहे हैं।
बता दें कि, राज्य में रविवार को हुए मृत्यु के बाद आज तक के मृत्यु 6000 के आंकड़े को पार कर चुका है। मात्र श्मशान ही नहीं कब्रिस्तान में भी कोविड गाइडलाइन के अनुसार मरीजों की लाश को दफन किया जा रहा है। कई कब्रिस्तान में तो जेसीबी की मदद से खुदाई काम करके मृतकों के लिए जगह की जा रही है। हालांकि फिर भी कोरोना के कारण मर रहे मरीजों के लिए कब्रिस्तान और श्मशान में जगह कम पड़ रही है।