गुजरात हाईकोर्ट की सरकार को ताकीद, कोरोना विस्फोट पर लगाम लगाने उठाएं जाएं ठोस कदम

गुजरात हाईकोर्ट की सरकार को ताकीद, कोरोना विस्फोट पर लगाम लगाने उठाएं जाएं ठोस कदम

कोरोना संक्रमण की कड़ी तोड़ने प्रदेश में तीन-चार दिनों का कर्फ्यू और विकेन्ड कर्फ्यू पर भी विचार करने को कहा

गुजरात में स्थानीय निकाय के चुनाव के बाद कोरोना वायरस केसों में लगातार बढ़ते जा रहा है। फिलहाल 3 हजार से अधिक पॉज़िटिव केस सामने आ रहे है। जिसके कारण राज्य सरकार द्वारा कई तरह के प्रतिबंध लगाए जा रहे है। सूरत और अहमदाबाद जैसे शहरों में तो BRTS बस सेवा भी बंद कर दी गई है। इसके अलावा घूमने फिरने वाले सभी स्थलों को भी बंद कर दिया गया है। ऐसे में एक बाद फिर से लोकडाउन की आशंका दिख रही है। क्योंकि गुजरात के हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विक्रमनाथ और जस्टिस भार्गव द्वारा सरकार को कोरोना संक्रमण की चैन तोड़ने के लिए राज्यभर में तीन से चार दिन का कर्फ़्यू डालने के बारे में विचार करने के लिए कहा। 

रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में कोरोना का संक्रमण बढ़ने के कारण कई गाँव के लोगों ने स्वयं ही लोकडाउन का अमल कर दिया है। वहीं दूसरी तरफ रिकवरी रेट घटने के कारण रिकवरी रेट भी घटने लगा है। चुनाव के पहले 97 प्रतिशत रिकवरी रेट अब घटकर 93.81 प्रतिशत पहुँच चुका है। इसके अलावा इंडियन मेडिकल असोशिएशन द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा गया है। जिसमें कोरोना को काबू में लाने के लिए आंशिक लॉकडाउन करने की सलाह दी गई है। IMA ने राज्य में हर जगह वैक्सीनेशन बढ़ाने के लिए वॉक इन वैक्सीन की व्यवस्था की जानी चाहिए। 
महत्व की बात है की जब राज्य सरकार द्वारा कर्फ़्यू का समय बढ़ाया गया था, तभी से सभी के मुंह से लोकडाउन की संभावना के सुर सुनाई दे रहे थे। पर राज्य के मुख्यमंत्री ने इन सभी बातों का खंडन करते हुये राज्य में लोकडाउन नहीं लगेगा, ऐसा आश्वासन दिया था। जिसके बाद अब हाईकोर्ट के इस निवेदन पर सरकार क्या करेगी यह देखनेलायक है।