अरवल्ली : मां के ईलाज के लिये नहीं थे पैसे तो परिवार ने 12 साल के बेटे को गिरवी रख दिया!

अरवल्ली : मां के ईलाज के लिये नहीं थे पैसे तो परिवार ने 12 साल के बेटे को गिरवी रख दिया!

चाइल्ड वेलफेयर कमिटी को जानकारी मिलने पर बच्चे को छुड़वाया गया और हिम्मतनगर के चाइल्ड होम में भेजा, पुलिस ने दर्ज किया मामला

अरवल्ली में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर आप को भी आश्चर्य होगा। कुछ दिनों पहले एक परिवार ने 10,000 रूपए के लिए अपने 12 साल के बच्चे को गिरवी रख दिया था। जब यह जानकारी चाइल्ड वेलफेयर कमिटी को मिली तो उन्होंने इस बच्चे को छुड़वाया और हिम्मतनगर के चाइल्ड होम में भेज दिया। इस पूरे मामले में पुलिस में भी शिकायत दर्ज करवाई गई है।
पत्नी को थी वॉल्व की बिमारी
रिपोर्ट के अनुसार अरवल्ली जिले के मालपुर तहसील में रहने वाले एक परिवार को तीन बच्चे हैं जिसमें दो बेटे और एक बेटी हैं। यह परिवार मजदूरी करके जीवन निर्वाह करता है। एक दिन पत्नी की तबीयत खराब हो जाने के कारण उसे अस्पताल ले जाया गया जहां पता चला कि उसे वॉल्व की बीमारी है। उपचार के लिए कुछ अधिक रुपए की जरूरत पड़ गई है। पैसे के लिए इस परिवार ने मोडासा के खंभीसर गांव में रहने वाले मालधारी राणा भरवाड नाम के व्यक्ति से संपर्क किया।
जिला के आला अधिकारियों की बैठक में बच्चे को गिरवी रखने के मुद्दे पर चर्चा हुई।
भेड़ चराने वाले परिवार ने रखा गिरवी
राणा भरवाड भेड़ चरा कर अपने परिवार का जीवन निर्वाह करते हैं। ऐसे में उन्होंने 10 हजार रुपए में 12 साल के बच्चे को गिरवी रख लिया था। इस बात की जानकारी पुलिस एवं अगम संस्था की हेतल राठौड़ को मिलने पर पुलिस और चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के 4 सदस्यों के साथ खंभीसर गांव में जाकर उन्होंने बच्चे को छुड़वाया। जांच में पता चला कि उसको गिरवी रखा गया था। इस सिलसिले में जिला कलेक्टर और एसपी के नेतृत्व में मीटिंग हुई जिसमें यह तय किया गया कि बच्चे को गिरवी देने वाले और गिरवी लेने वाले दोनों परिवारों को नहीं दिया जाएगा और राणा भरवाड के खिलाफ बाल और किशोर श्रमिक अधिनियम 1986 के अंतर्गत पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है।
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