सूरत : आजादी का अमृत महोत्सव: मोटरसाइकिल रैली में भाग लेने वाले डी-ज़ोन होमगार्ड जवान सम्मानित

सूरत से दांडी, बारडोली स्वराज आश्रम और नडाबेट सीमा तक निकाली गई ऐतिहासिक यात्राएँ

सूरत : आजादी का अमृत महोत्सव: मोटरसाइकिल रैली में भाग लेने वाले डी-ज़ोन होमगार्ड जवान सम्मानित

आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित विभिन्न मोटरसाइकिल रैलियों में भाग लेने वाले डी-ज़ोन होमगार्ड जवानों, अधिकारियों और एनसीओ का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम में रैली में शामिल सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान कर उनके योगदान को सराहा गया।

आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में तीन प्रमुख मोटरसाइकिल यात्राओं का आयोजन किया गया, जिनमें सूरत से दांडी (नवसारी), सूरत से स्वराज आश्रम बारडोली तथा सूरत से नडाबेट (भारत–पाकिस्तान सीमा) की यात्राएँ शामिल रहीं।

सूरत जिला कमांडेंट डॉ. प्रफुल शिरोया ने दांडी यात्रा के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि नमक कानून के विरोध में महात्मा गांधी द्वारा 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से दांडी यात्रा प्रारंभ की गई थी, जो 25 दिनों में 241 मील की दूरी तय कर 5 अप्रैल को दांडी पहुँची। इस यात्रा को नमक सत्याग्रह के नाम से भी जाना जाता है। सूरत से दांडी तक की बाइक यात्रा में डी-ज़ोन के 18 होमगार्ड जवानों ने भाग लिया।

बारडोली स्वराज आश्रम के संदर्भ में मानद मंत्री श्रीमती निरंजनाबेन कलार्थी ने कहा कि यह आश्रम सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रेरणा और त्याग की भावना का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि 1928 के बारडोली सत्याग्रह के दौरान यह आश्रम पूरी तरह सक्रिय रहा और सत्याग्रहियों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बना। इस यात्रा में डी-ज़ोन के 16 होमगार्ड जवान शामिल हुए।

नडाबेट सीमा के महत्व पर जानकारी देते हुए डॉ. शिरोया ने बताया कि यह क्षेत्र गुजरात के बनासकांठा जिले में स्थित है और भारत–पाकिस्तान सीमा से मात्र 25 किलोमीटर दूर है। यह इलाका रक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, जहां भारतीय सैनिकों ने विभिन्न युद्धों में अदम्य साहस का परिचय दिया है। सूरत से नडाबेट (सीमा) तक की यात्रा में डी-ज़ोन के 16 होमगार्ड जवानों ने भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में डी-ज़ोन ऑफिसर कमांडिंग जयंतिभाई एच. दवे ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।

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