सूरत : चैंबर ने आंखों की सेहत पर जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया

चश्मा हटाने की आधुनिक सर्जरी, मोतियाबिंद और ग्लूकोमा के नवीन इलाज पर विशेषज्ञों ने दी जानकारी

सूरत : चैंबर ने आंखों की सेहत पर जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया

सूरत। सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसजीसीसीआई) ने अपनी हेल्थ सीरीज़ के अंतर्गत रविवार, 28 दिसंबर को नानपुरा स्थित समृद्धि में आंखों की सेहत और आधुनिक उपचार पद्धतियों पर एक जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया।

इस सेमिनार में शहर के दो वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञों ने आंखों से जुड़ी आम समस्याओं और उनकी आधुनिक सर्जरी तकनीकों पर विस्तार से मार्गदर्शन दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत चैंबर अध्यक्ष निखिल मद्रासी के काव्यात्मक स्वागत संबोधन से हुई। उन्होंने बताया कि यह चैंबर की हेल्थ सीरीज़ का 25वां आयोजन है और बढ़ती औसत आयु के साथ आंखों से जुड़ी समस्याओं के प्रति जागरूकता अत्यंत आवश्यक हो गई है।

मोतियाबिंद एवं रिफ्रैक्टिव सर्जन डॉ. नीरव शाह ने चश्मा हटाने की आधुनिक रिफ्रैक्टिव सर्जरी पर जानकारी देते हुए बताया कि यदि 20–21 वर्ष की आयु के बाद आंखों का नंबर स्थिर हो जाए, तो सर्जरी कराई जा सकती है।

उन्होंने विभिन्न प्रकार की रिफ्रैक्टिव सर्जरी, मल्टीफोकल लेंस और मोतियाबिंद सर्जरी से जुड़े पहलुओं पर प्रकाश डाला। साथ ही, उन्होंने ब्लू लाइट ब्लॉकर को लेकर फैली भ्रांतियों पर भी चर्चा की।

मोतियाबिंद एवं ग्लूकोमा सर्जन डॉ. अंकु राजा ने ग्लूकोमा के खतरे, उसके कारणों और समय पर जांच के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि ग्लूकोमा अंधेपन का कारण बन सकता है, लेकिन समय रहते पहचान और आधुनिक मिनिमली इनवेसिव सर्जरी से आंखों की रोशनी बचाई जा सकती है। इसके अलावा, उन्होंने मोतियाबिंद सर्जरी में नई तकनीकों और उन्नत लेंसों के उपयोग की जानकारी भी दी।

चैंबर की पब्लिक हेल्थ कमिटी के को-चेयरमैन डॉ. जगदीश वघासिया ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की, जबकि कमिटी की सदस्य डॉ. शालिनी हलवावाला ने वक्ताओं का परिचय कराया। कार्यक्रम के अंत में प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया गया, जिसमें उपस्थित लोगों ने नेत्र स्वास्थ्य से जुड़े अपने सवालों के समाधान प्राप्त किए।

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