गंभीर ने लक्ष्य को हासिल करने में नाकाम रहे भारतीय बल्लेबाजों की आलोचना की
कोलकाता, 16 नवंबर (भाषा) भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने रविवार को आलोचनाओं से घिरे ईडन गार्डन्स के क्यूरेटर का समर्थन किया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में अपने बल्लेबाजों के ‘दबाव झेलने’ और चुनौतीपूर्ण पिच पर रन बनाने में असमर्थ रहने पर अफसोस जताया।
जीत के लिए 124 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम दूसरी पारी में महज 93 रन पर आउट हो गयी। टीम को तीन दिन के अंदर ही 30 रन की हार का सामना करना पड़ा।
इस नतीजे से घरेलू मैदान पर उलटफेर का चिंताजनक सिलसिला जारी रहा जिसमें टीम ने अपने पिछले छह घरेलू टेस्ट मैचों में से चार और गंभीर के कोच बनने के बाद 18 में से नौ मैच गंवा दिये हैं।
गंभीर ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ ऐसा नहीं था कि यह कोई खेलने लायक विकेट नहीं था, कोई भी मुश्किल नहीं थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप हिम्मत से काम लें, आपका रक्षात्मक खेल मज़बूत है और आप धैर्य दिखा सकते है तो इस पिच पर आप रन बना सकते हैं। ’’
मैच में सिर्फ़ आठ सत्रों में 38 विकेट गिरे (शुभमन गिल रिटायर्ड हर्ट हो गए थे) और इनमें से 16 तेज गेंदबाजों के नाम रहे जबकि स्पिनरों ने 22 विकेट लिये।
गंभीर ने कहा, ‘‘हम स्पिनरों की मदद वाली पिच की बात करते रहते हैं, लेकिन अगर आप 40 विकेटों को देखें, तो ज्यादातर विकेट तेज गेंदबाजों ने लिए है। मुझे नहीं लगता कि यह कोई मुश्किल विकेट था। यह एक ऐसा विकेट था जहां आपकी तकनीक की परीक्षा थी। आपकी मानसिक दृढ़ता को चुनौती दी जा सकती है और उससे भी ज़्यादा ज़रूरी है आपका धैर्य।’’
भारतीय कोच ने कहा, ‘‘ आप अगर कड़ी मेहनत करना चाहते हैं, अगर आप लंबे समय तक बल्लेबाजी करना चाहते हैं, तो आप रन बना सकते हैं। लेकिन अगर आप आक्रामक मानसिकता में हैं या आक्रामक क्रिकेट खेलने की कोशिश करते हैं, तो यह मुश्किल है।’’
उन्होंने कहा ‘‘जिन खिलाड़ियों ने धैर्य के साथ रक्षात्मक खेल दिखाया, चाहे वह लोकेश राहुल हों, तेम्बा बावुमा हों या वाशिंगटन सुदर सभी ने रन बनाए हैं।’’
मैच से पहले पूरा ध्यान क्यूरेटर सुजान मुखर्जी पर था क्योंकि पिच पर एक हफ्ते से ज्यादा समय से पानी नहीं डाला गया था और शाम को उसे ढक कर रखा जाता था।
गंभीर ने कहा कि ये बिल्कुल वैसी ही परिस्थितियां थीं जैसी उन्हें चाहिए थीं और मुखर्जी का रवैया सहयोग देने वाला था।
उन्होंने कहा,‘‘ यह बिल्कुल वैसी ही पिच थी जैसी हमें चाहिए थी। क्यूरेटर ने काफी सहयोग किया था। हम यही चाहते थे और हमें यही मिला। जब आप अच्छा नहीं खेलते, तो यही होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यह विकेट ऐसा नहीं था जहां आप आक्रामक रुख अपनाकर बड़े शॉट खेल सके लेकिन अगर अगर आप पूरी लगन से खेलते हैं, तो निश्चित रूप से यह एक ऐसा विकेट है जहां आप रन बना सकते हैं।"
दो मैचों की श्रृंखला में 0-1 से पिछड़ रही गंभीर की टीम के लिए अब गलती की कोई गुंजाइश नहीं होगी क्योंकि वे गुवाहाटी में जीत हासिल करके इसे बराबर करना चाहेंगे।
मौजूदा विश्व टेस्ट चैंपियन दक्षिण अफ्रीका भारत में अपनी दूसरी और 2000 के बाद पहली टेस्ट श्रृंखला जीतना चाहेगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या गुवाहाटी में भी पिच की स्थिति ऐसी ही होगी, गंभीर ने कहा, ‘‘ हमने हमेशा कहा है कि टर्निंग विकेट ऐसी होनी चाहिए जहां पहले दिन बहुत कम टर्न हो ताकि टॉस कोई अहमियत नहीं रखे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने कभी नहीं कहा कि हम बहुत खुरदरी पिच पर खेलना चाहते हैं या हम पूरी तरह से टर्न लेने वाली पिच पर खेलना चाहते हैं। हम अगर यह टेस्ट मैच जीत जाते तो आप इस पिच के बारे में बात भी नहीं कर रहे होते।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा कहना है कि हमें विकेट पर चर्चा करने के बजाय मानसिक और कौशल के लिहाज से सुधार करने की जरूरत है। क्योंकि दोनों टीमों के लिए विकेट एक जैसे होते हैं।’’
गंभीर ने कहा, ‘‘ गुवाहाटी में हमें जो भी मिले, हमारे पास ऐसे खिलाड़ी हैं जो किसी भी स्थिति और किसी भी पिच पर अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।’’
