सरकार ने निर्यातकों के लिए 20,000 करोड़ रुपये की ऋण गारंटी योजना को मंजूरी दी
नयी दिल्ली, 12 नवंबर (भाषा) निर्यात को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना (सीजीएसई) शुरू करने को मंजूरी दे दी।
इस योजना के तहत नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) सदस्य वित्तीय संस्थानों को पात्र निर्यातकों, जिनमें एमएसएमई भी शामिल हैं, को 20,000 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त ऋण सुविधा देने पर 100 प्रतिशत ऋण गारंटी कवरेज प्रदान करेगी।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि यह योजना एनसीजीटीसी के माध्यम से वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) द्वारा कार्यान्वित की जाएगी, ताकि एमएसएमई सहित पात्र निर्यातकों को एमएलआई द्वारा अतिरिक्त ऋण सहायता प्रदान की जा सके।
वैष्णव ने कहा कि डीएफएस सचिव की अध्यक्षता में गठित एक प्रबंधन समिति योजना की प्रगति और कार्यान्वयन की देखरेख करेगी।
उन्होंने कहा कि इस योजना से भारतीय निर्यातकों की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ने तथा नये एवं उभरते बाजारों में विविधीकरण को समर्थन मिलने की उम्मीद है।
वैष्णव ने कहा कि सीजीएसई (निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना) के तहत बिना किसी गारंटी के कर्ज की सुविधा मिलने से निर्यातकों को पूंजी की उपलब्धता बढ़ेगी, कारोबार सुचारू रूप से चल सकेगा और भारत के एक हजार अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में प्रगति तेज होगी।
मंत्री ने कहा कि यह कदम आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को और मजबूत करेगा।
भारत की अर्थव्यवस्था में निर्यात की अहम भूमिका है वित्त वर्ष 2024-25 में इसका सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में हिस्सा करीब 21 प्रतिशत है और यह विदेशी मुद्रा भंडार में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है।
निर्यात आधारित उद्योगों में सीधे और परोक्ष रूप से 4.5 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिलता है, जिनमें एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) का योगदान लगभग 45 प्रतिशत है।
