महिला विश्व कप: इतिहास रचने की दहलीज पर भारत और दक्षिण अफ्रीका
नवी मुंबई, एक नवंबर (भाषा) आत्मविश्वास से भरी भारतीय टीम महिला वनडे विश्व कप के फाइनल में रविवार को यहां जब मैदान पर उतरेगी तो उसे पिछले सात में से छह मैच जीत कर पहली बार इस टूर्नामेंट के खिताबी मुकाबले में पहुंची दक्षिण अफ्रीका की कड़ी चुनौती से पार पाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाना होगा।
यह मुकाबला सिर्फ एक खिताब के लिए जंग नहीं हैं, बल्कि महिला क्रिकेट के इतिहास में एक नया अध्याय लिखने जा रहा है क्योंकि इस फाइनल से नया विश्व चैंपियन मिलने वाला है।
भारतीय टीम तीसरी बार ( 2005 और 2017 के बाद) इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची है, जबकि दक्षिण अफ्रीका की टीम पहली बार खिताबी मुकाबले में पहुंची है। दोनों टीमें शानदार फॉर्म में हैं और जबरदस्त आत्मविश्वास के साथ मैदान पर उतरेंगी।
भारत पर एक समय लीग चरण से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा था लेकिन बल्लेबाजों ने अहम समय पर लय हासिल कर टीम को खिताबी मुकाबले में पहुंचाया तो वहीं दक्षिण अफ्रीका को अपने अभियान के दौरान लीग चरण के शुरुआती मैच में इंग्लैंड और आखिरी मैच में ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा था। इन दोनों मैचों के अलावा उसने हर मुकाबले में दबदबे वाला प्रदर्शन किया।
मेजबान भारत ने सेमीफाइनल में सात बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया पर ऐतिहासिक जीत के साथ फाइनल में प्रवेश किया है। टीम ने जीत के लिए मिले 339 रन के विशाल लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल कर अपने बढ़ते मनोबल और बल्लेबाजी में असाधारण प्रतिभा का नमूना पेश किया।
टीम के ज्यादातर बल्लेबाज लय में है और डीवाई पाटिल स्टेडियम की बल्लेबाजों की मुफीद पिच पर किसी भी गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां उड़ाने का माद्दा रखते हैं। टीम ने लीग चरण के अहम मैच में न्यूजीलैंड और फिर सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्रमश तीन विकेट पर 340 और पांच विकेट पर 341 रन बनाकर इसे साबित भी किया है।
सेमीफाइनल में भारतीय जीत की नायिका रहीं जेमिमा रोड्रिग्स (नाबाद 127 रन) और कप्तान हरमनप्रीत कौर (89 रन) से टीम इस तरह की एक और पारी की उम्मीद करेगी तो वहीं शीर्ष क्रम में स्मृति मंधाना भी शानदार लय में है। वह टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वालों बल्लेबाजों की सूची में दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लौरा वुलवार्ड्ट (470 रन) के बाद 389 रन के साथ दूसरे स्थान पर है।
मंधाना को हालांकि शीर्ष क्रम पर प्रतिका रावल (308 रन) की कमी खलेगी जो चोटिल होने के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गयी है। उनकी जगह टीम में शामिल हुई युवा शेफाली वर्मा सेमीफाइनल में बल्ले से उपयोगी योगदान देने में नाकाम रही लेकिन वह किसी भी गेंदबाजी के खिलाफ तेजी से रन बना सकती है। शेफाली विश्व कप के लिए रिजर्व खिलाड़ियों की सूची में भी नहीं थी ऐसे में वह इस चयन को सही साबित करने की पूरी कोशिश करेंगी।
हरफनमौला दीप्ति शर्मा, विकेटकीपर रिचा घोष और अमनजोत कौर ने टूर्नामेंट में कई मौकों पर तेजी से रन जुटाये हैं और फाइनल में भी उन्हें इसे जारी रखना होगा।
भारत की असल चिंता गेंदबाजी है और खासकर इस मैदान पर गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गेंदबाजों ने काफी रन लुटाए थे। दीप्ति (17 विकेट) ऑस्ट्रेलिया की एनाबेल सदरलैंड के साथ टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज है और टीम को बीच के ओवरों में उनसे कसी हुई गेंदबाजी की उम्मीद होगी। तेज गेंदबाज रेणुका सिंह ठाकुर पर पावरप्ले और आखिरी ओवरों में विकेट निकालने का बड़ा दारोमदार होगा।
श्री चरणी ने सेमीफाइनल में अहम समय पर दो ओवर में दो विकेट चटकाकर बड़े स्कोर की ओर बढ़ रही ऑस्ट्रेलिया की पारी की धार कुंद की थी लेकिन खिताबी मुकाबले में इस युवा गेंदबाज के अलावा अनुभवी राधा यादव से भी टीम बीच के ओवरों में विकेट की उम्मीद करेगी।
भारतीय टीम फाइनल में युवा तेज गेंदबाज क्रांति गौड़ की जगह हरफनमौला अरुंधती रेड्डी या स्नेह राणा को एकादश में शामिल कर सकती है।
दक्षिण अफ्रीका को ऑस्ट्रेलिया की स्पिनरों ने परेशान किया था ऐसे भारतीय टीम को उनकी इस कमजोरी का फायदा उठाने का तरीका ढूंढना होगा।
भारत को घरेलू मैदान का फायदा मिलेगा और दर्शकों का शोर टीम के लिए ‘बारहवें खिलाड़ी’ का काम करेगा।
दक्षिण अफ्रीका ने सेमीफाइनल में इंग्लैंड की मजबूत टीम को 125 रनों के बड़े अंतर से हराकर अपनी क्षमता साबित की है। उनकी यह जीत बताती है कि वे किसी भी टीम को पछाड़ने की ताकत रखते हैं।
प्रोटियाज टीम की कप्तान और सलामी बल्लेबाज वोल्वार्ड्ट इस समय विश्व की सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक हैं। इंग्लैंड के खिलाफ रिकॉर्ड तोड़ 169 रन बनाने वाली वोल्वार्ड्ट फाइनल में भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती होंगी।
अनुभवी हरफनमौला मरिजान काप का प्रदर्शन शानदार रहा है और उन्होंने सेमीफाइनल में पांच विकेट लेकर इंग्लैंड की बल्लेबाजी को ध्वस्त किया था। उनकी तेज गेंदबाजी और मध्यक्रम की बल्लेबाजी टीम को संतुलन प्रदान करती है।
दक्षिण अफ्रीका ने पूरे टूर्नामेंट में एक अनुशासित गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण इकाई के रूप में प्रदर्शन किया है। नादिन डी क्लार्क और क्लो ट्रायोन जैसी खिलाड़ियों ने महत्वपूर्ण मौकों पर टीम को मुश्किलों से निकाला है।
टीम लीग चरण में भारत पर मिली जीत से आत्मविश्वास हासिल करना चाहेगी। भारत के खिलाफ डी क्लार्क और ट्रायोन ने आक्रामक साझेदारी कर मैच का रुख मोड़ा था। डी क्लार्क ने इस मुकाबले में 54 गेंद में नाबाद 84 रन की यादगार पारी खेली थी। यह विश्व कप के पिछले तीन मैच में दक्षिण अफ्रीका की भारत के खिलाफ तीसरी जीत थी।
भारत ने नवी मुंबई में बड़े लक्ष्य का पीछा करने का रिकॉर्ड बनाया है ऐसे में टॉस जीतने वाली टीम पहले गेंदबाजी का विकल्प चुन सकती है। लेकिन फाइनल का दबाव लक्ष्य का पीछा करने को कठिन बना सकता है।
मैच पर बारिश का खतरा मंडरा रहा है और तीन नवंबर को इसके लिए रिजर्व-डे रखा गया है। रिजर्व-डे को भी अगर मैच नहीं हो पाता है दोनों टीमों को संयुक्त विजेता घोषित किया जायेगा। इसकी संभावना हालांकि कम है।
घरेलू परिस्थितियों के कारण भारतीय टीम को फाइनल में जीत का दावेदार माना जा सकता है लेकिन जो भी टीम दबाव को झेलकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगी, वही इतिहास रचेगी और महिला क्रिकेट की नयी विश्व विजेता बनेगी।
टीमें :
भारत: हरमनप्रीत कौर (कप्तान), स्मृति मंधाना (उप-कप्तान), उमा छेत्री (विकेटकीपर), ऋचा घोष (विकेटकीपर), हरलीन देयोल, शेफाली वर्मा, जेमिमा रोड्रिग्स, अमनजोत कौर, स्नेह राणा, दीप्ति शर्मा, क्रांति गौड़, अरुंधति रेड्डी, रेणुका सिंह ठाकुर, श्री चरणी, राधा यादव।
दक्षिण अफ्रीका: लौरा वोल्वार्ड्ट (कप्तान), एनेके बॉश, तजमिन ब्रिट्स, नादिन डी क्लार्क, एनेरी डर्कसन, सिनालो जाफ्ता, मारिजान काप अयाबोंगा खाका, मसाबाता क्लास, सुने लुस, कराबो मेसो, नॉनकुलुलेको म्लाबा, तुमी सेखुखुने, नोंडुमिसो टंगारियोन।
मैच भारतीय समयानुसार दोपहर तीन बजे शुरू होगा।
