वडोदरा : बच्चों को पढ़ने की दुनिया से जोड़ रही है "लाइब्रेरी ऑन व्हील्स"

बिलियन लाइव्स फाउंडेशन की पहल से 60 से अधिक स्कूलों के 4500 छात्रों को मिला नया दृष्टिकोण

वडोदरा : बच्चों को पढ़ने की दुनिया से जोड़ रही है

 बिलियन लाइव्स फाउंडेशन द्वारा शुरू की गई "लाइब्रेरी ऑन व्हील्स" पहल वडोदरा के सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए ज्ञान, रचनात्मकता और कल्पनाशीलता का नया द्वार खोल रही है। वर्ष 2023 में शुरू हुई यह मोबाइल लाइब्रेरी अब तक 60 से अधिक स्कूलों तक पहुंच चुकी है और 4500 से ज्यादा बच्चों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाल चुकी है।

रंगीन अलमारियों से सजी इस मोबाइल लाइब्रेरी वैन में गुजराती, हिंदी और अंग्रेज़ी की 500 से अधिक किताबें उपलब्ध हैं, जिनमें कहानी संग्रह, जीवनियाँ, पंचतंत्र और अकबर-बीरबल की कहानियाँ, नैतिक कथाएँ, गणित की पहेलियाँ और गतिविधि पुस्तकें शामिल हैं। जब वैन किसी स्कूल पहुंचती है, तो बच्चों को एक घंटे तक अपनी पसंदीदा किताबें पढ़ने का अवसर मिलता है। स्वयंसेवक बच्चों की पढ़ने की आदतों का आकलन करने के साथ-साथ स्वास्थ्य, स्वच्छता और जीवन कौशल पर भी मार्गदर्शन देते हैं।

फाउंडेशन की निदेशक किन्नरी हरयानी ने कहा, "अगर बच्चे लाइब्रेरी तक नहीं पहुँच सकते, तो हम लाइब्रेरी को उनके पास ले जाएंगे। हमारा उद्देश्य साक्षरता बढ़ाना और युवा मन में रचनात्मकता का दीप प्रज्वलित करना है।"

"लाइब्रेरी ऑन व्हील्स" पहल खास तौर पर कक्षा 4, 5, 8 और 11 के विद्यार्थियों के लिए डिज़ाइन की गई है, ताकि वे पाठ्यपुस्तकों से इतर पुस्तकों से भी जुड़ सकें। बच्चे इस वैन का बेसब्री से इंतजार करते हैं और इसे पढ़ने की दुनिया से जुड़ने का उत्सव मानते हैं।

यह पहल गुजरात में मोबाइल लाइब्रेरी की पुरानी परंपरा को आधुनिक रूप दे रही है। महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय द्वारा 1910 में स्थापित वडोदरा का केंद्रीय पुस्तकालय भारत का पहला आधुनिक सार्वजनिक पुस्तकालय माना जाता है, जिसने गाँव-गाँव तक "चलती लाइब्रेरी" का विचार पहुंचाया। आज बिलियन लाइव्स फाउंडेशन उसी विरासत को आगे बढ़ाते हुए सर्व शिक्षा अभियान जैसी योजनाओं को मजबूत बना रहा है।

फाउंडेशन हर साल मेधावी छात्रों के लिए छात्रवृत्तियाँ भी शुरू करता है और आने वाले समय में और अधिक सरकारी स्कूलों तक पहुंचने के लिए एक और मोबाइल लाइब्रेरी जोड़ने की योजना बना रहा है। यह पहल केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चों के भविष्य के लिए नए विचारों और नई संभावनाओं का द्वार भी खोल रही है।

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