मोदी के मजबूत नेतृत्व की पहचान कठिन परिस्थितियों में भी निर्णय लेने की उनकी क्षमता: भाजपा नेता

मोदी के मजबूत नेतृत्व की पहचान कठिन परिस्थितियों में भी निर्णय लेने की उनकी क्षमता: भाजपा नेता

नयी दिल्ली, 17 सितंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेताओं ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन और कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उनके मजबूत नेतृत्व की पहचान कठिन परिस्थितियों में भी निर्णय लेने की उनकी क्षमता में निहित है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर समाचार पत्रों में प्रकाशित लेखों और वीडियो संदेशों के माध्यम से अपने बधाई संदेशों में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि मोदी का व्यक्तित्व केवल नीतियों और कार्यक्रमों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उनमें एक विशेष करिश्मा है, जो उन्हें सीधे जनता से जोड़ता है।

शाह ने टाइम्स ऑफ इंडिया और दैनिक जागरण में प्रकाशित लेखों में लिखा, ‘‘मजबूत नेतृत्व की पहचान कठिन परिस्थितियों में निर्णय लेने की क्षमता में निहित है। इस कसौटी पर, मोदी जी का नेतृत्व असाधारण है। मैंने उन्हें सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी असाधारण धैर्य और दूरदर्शिता बनाए रखते देखा है।’’

उन्होंने कहा कि एक आरएसएस प्रचारक के रूप में, मोदी ने पूरे देश की यात्रा की और समाज के सभी वर्गों से जुड़े और उन्होंने न केवल भारत की आत्मा को करीब से देखा, बल्कि इसकी आंतरिक शक्ति का भी अनुभव किया।

शाह ने कहा, ‘‘2014 के बाद से, ऐसे कई मौके आए हैं जब देश को साहसिक और निर्णायक कदमों की ज़रूरत पड़ी। उन्होंने नेतृत्व के सिद्धांतों को दृढ़ता से कायम रखा और राष्ट्रहित में फैसले लिए। नोटबंदी और जीएसटी ने हमारे आर्थिक सुधारों में नए अध्याय जोड़े।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अनुच्छेद 370 को हटाना एक ऐसे फैसले के रूप में याद किया जाएगा जिसने न केवल राजनीतिक साहस का प्रदर्शन किया, बल्कि राष्ट्रीय एकता और अखंडता के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को भी दर्शाया। तीन तलाक जैसी सामाजिक बुराई को खत्म करना महिलाओं के सम्मान और अधिकारों की रक्षा के लिए एक साहसिक कदम था।’’

शाह ने कहा, ‘‘इनमें से कोई भी फैसला आसान नहीं था। इनमें से कई फैसलों का विरोध भी हुआ, लेकिन मोदी जी कभी नहीं डगमगाए। उनका दृढ़ विश्वास था कि विरोध या आलोचना की परवाह किए बिना, राष्ट्रहित का पालन किया जाना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि मोदी का व्यक्तित्व नीतियों और कार्यक्रमों तक सीमित नहीं है और उनमें एक विशेष करिश्मा है, जो उन्हें सीधे जनता से जोड़ता है।

गृह मंत्री ने कहा, ‘‘उनके भाषण में सहजता और सरलता का भाव है, जो उन्हें जनता के दिलों तक पहुंचाता है। 'मन की बात' कार्यक्रम में अपनी बातचीत के दौरान, करोड़ों लोगों को ऐसा लगता है जैसे प्रधानमंत्री उनसे सीधे संवाद कर रहे हों।

पिछले 11 वर्षों में, उनके नेतृत्व में, देश ने आत्म-सम्मान, आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास की नई ऊंचाइयों को छुआ है, जो मेरे विचार से ऐतिहासिक और अद्वितीय दोनों है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में, सच्चा नेतृत्व वह है जो अपना हर पल राष्ट्र के लिए समर्पित करता है, एक ऐसी दृष्टि के साथ जो वर्तमान से आगे भविष्य की ओर देखती है। आज मोदी जी का यही व्यक्तित्व भारत की सबसे बड़ी ताकत है।’’

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उनकी पहली मुलाकात मोदी से 1992-93 में झांसी (उत्तर प्रदेश) में हुई थी, जब तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी कन्याकुमारी से श्रीनगर तक एकता यात्रा का नेतृत्व कर रहे थे, जिसके मुख्य आयोजक मोदी थे।

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ अनुभव ऐसे होते हैं जो इतिहास की दिशा तय करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी से जुड़ा मेरा पहला अनुभव भी ऐसा ही था। झांसी में, उनके भाषण के दौरान, मैंने भविष्य के नेतृत्व की चमक देखी थी।’’

सिंह ने अपने वीडियो संदेश में कहा, ‘‘अनुशासन, संगठन के प्रति समर्पण, गहन ज्ञान और हर चुनौती को स्वीकार करने का साहस - ये वो गुण हैं जिन्होंने उन्हें ऐसा नेता बनाया है जो भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।’’

सिंह ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनावों के प्रचार अभियान के समापन के बाद, जब वह भाजपा अध्यक्ष थे और मोदी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे तो वह दिल्ली में उनके अशोक रोड स्थित आवास पर आए और कहा कि वह (मोदी) उन्हें (सिंह को) दिए गए कार्य की रिपोर्ट देने आए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी एक अनुशासित राजनीतिक कार्यकर्ता हैं। वह हमेशा खुशमिजाज रहते हैं और आप उन्हें किसी भी स्थिति में तनावग्रस्त नहीं पाएंगे।’’

सिंह ने कहा कि उन्होंने मोदी को कभी किसी मुद्दे पर डरते या चिंतित होते नहीं देखा।

उन्होंने कहा, ‘‘ईश्वर ने उन्हें लोगों की सेवा के लिए सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद दुनिया में भेजा है।’’

द इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित अपने लेख में, नायडू ने कहा कि एक नागरिक और पूर्व उपराष्ट्रपति के रूप में, उन्हें मोदी के नेतृत्व में एक दशक से भी अधिक समय में देश द्वारा की गई उल्लेखनीय प्रगति पर गर्व है।

उन्होंने कहा कि प्रगति और राष्ट्रीय गौरव में निहित एक दृष्टिकोण के साथ, भारत आर्थिक सुधार, तकनीकी उन्नति, जमीनी स्तर पर कल्याणकारी पहल और कूटनीतिक साहस को अनुकरणीय शासन के एक शक्तिशाली मॉडल में बुन रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘चाहे वह सरकार की विदेश नीति और कूटनीतिक पहलों का मामला हो या आंतरिक सुरक्षा का, 'भारत प्रथम' को बनाए रखने का अटूट संकल्प इस शासन मॉडल का केंद्रबिंदु है।’’

नायडू ने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' एक नए भारत का उदाहरण है, जो दृढ़निश्चयी, संप्रभु और त्वरित कार्रवाई करने वाला है।

उन्होंने कहा, ‘‘कल्याणकारी योजनाओं, बुनियादी ढांचे के क्रियान्वयन की बात आती है तो हम यही निर्णायक दृष्टिकोण देखते हैं।’’

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मोदी के साथ उनके संबंध 1992-93 से हैं, जब प्रधानमंत्री, मुरली मनोहर जोशी की एकता यात्रा का जिम्मा संभाल रहे थे।

चौहान ने कहा कि जब भाजपा नेतृत्व इस बात पर विचार कर रहा था कि एकता यात्रा का मुख्य आयोजक कौन हो सकता है, तो एकमात्र नाम ‘नरेन्द्र दामोदरदास मोदी’ का सामने आया।

उन्होंने अपने वीडियो संदेश में कहा, ‘‘यात्रा के दौरान, मैंने सह-आयोजक के रूप में मोदी के साथ मिलकर काम किया है और देखा है कि कैसे उन्होंने यात्रा की सफलता के लिए विचार और योजनाएं तैयार कीं।’’