संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों की रिपोर्ट में इज़राइल को ठहराया गया जिम्मेदार

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों की रिपोर्ट में इज़राइल को ठहराया गया जिम्मेदार

जिनेवा, 16 सितम्बर (एपी) संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद द्वारा नियुक्त स्वतंत्र विशेषज्ञों की एक टीम ने मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा है कि इज़राइल गाजा में नरसंहार कर रहा है। टीम ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इसे रोकने तथा दोषियों को दंडित करने की अपील की है।

तीन सदस्यीय टीम द्वारा तैयार की गई यह विस्तृत और दस्तावेज़ आधारित रिपोर्ट प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार पर अब तक के सबसे गंभीर आरोपों में शामिल है। गाजा में हमास के खिलाफ जारी इज़राइली अभियान में हजारों लोगों की मौत हो चुकी है।

इज़राइल ने इस रिपोर्ट को ‘‘तोड़ मरोड़ कर तैयार की गई झूठी रिपोर्ट’’ बताते हुए खारिज कर दिया है।

कब्जे वाले फलस्तीनी क्षेत्र और इज़राइल पर गठित 'जांच आयोग' ने रिपोर्ट में कहा कि उसने 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इज़राइल में किए गए हमले के बाद से गाजा और अन्य फलस्तीनी क्षेत्रों में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों का बार-बार दस्तावेजीकरण किया है।

हालांकि यह आयोग और इसके अधीन काम कर रही 47 सदस्यीय मानवाधिकार परिषद किसी देश के खिलाफ सीधे कार्रवाई नहीं कर सकती लेकिन इन निष्कर्षों को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) या संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में प्रस्तुत किया जा सकता है।

यह रिपोर्ट टीम का अंतिम वक्तव्य भी मानी जा रही है, क्योंकि टीम की अध्यक्ष और संयुक्त राष्ट्र की पूर्व मानवाधिकार प्रमुख नवी पिल्लै समेत सभी तीन सदस्यों ने जुलाई में व्यक्तिगत कारणों और बदलाव की आवश्यकता का हवाला देते हुए इस्तीफा देने की घोषणा की थी।

यह आयोग संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के अधीन कार्य करता है, लेकिन यह संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक आवाज नहीं है।

इज़राइल ने आयोग के साथ सहयोग करने से इनकार किया है और इसे तथा मानवाधिकार परिषद को ‘‘इज़राइल विरोधी एवं पक्षपातपूर्ण’’करार दिया है।

इस वर्ष की शुरुआत में अमेरिका को ट्रंप प्रशासन ने परिषद से बाहर निकाल लिया था। अमेरिका इज़राइल का प्रमुख सहयोगी है।

कानूनी समीक्षा के बाद रिपोर्ट में कहा गया है कि इज़राइल ने 1948 में स्वीकृत अंतरराष्ट्रीय ‘‘जीनोसाइड कन्वेन्शन’’ के तहत परिभाषित पाँच में से चार ‘‘नरसंहारक कृत्य’’ किए हैं।

यह कन्वेंशन द्वितीय विश्व युद्ध और होलोकॉस्ट के बाद अपनाया गया था।

आयोग की अध्यक्ष पिल्लै ने कहा, ‘‘आयोग का मानना ​​है कि गाजा में नरसंहार के लिए इज़राइल ज़िम्मेदार है। यह स्पष्ट है कि नरसंहार संधि में उल्लिखित मानदंडों को पूरा करने वाले कृत्यों के माध्यम से गाजा में फ़लस्तीनियों के सफाये की मंशा है।’’

संयुक्त राष्ट्र की पूर्व मानवाधिकार प्रमुख पिल्लै ने कहा कि लगभग दो साल के युद्ध के दौरान ‘‘इन अत्याचारी अपराधों की ज़िम्मेदारी उच्चतम स्तर पर बैठे इज़राइली अधिकारियों की है।’’

उनके आयोग ने निष्कर्ष निकाला कि नेतन्याहू के साथ-साथ इज़राइली राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग और पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने नरसंहार के लिए उकसाया था। आयोग ने यह आकलन नहीं किया है कि क्या अन्य इज़राइली नेताओं ने भी ऐसा किया था।

इज़राइल, जिसकी स्थापना नरसंहार के बाद हुई थी, ने अपने खिलाफ नरसंहार के आरोपों को यहूदी-विरोधी बताकर दृढ़ता से खारिज कर दिया है।

इज़राइल के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक नाराज़ प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह ‘‘तोड़ मरोड़ कर तैयार की गई झूठी रिपोर्ट’’ को सिरे से खारिज करता है।

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