सूरत : ज़िम्बाब्वे के उपराष्ट्रपति ने वीएनएसजीयू, एपीएमसी और एसआरके का दौरा किया
एपीएमसी मॉडल अपनाने की इच्छा, हीरा और शिक्षा क्षेत्र में सहयोग के अवसर
सूरत : ज़िम्बाब्वे गणराज्य के उपराष्ट्रपति महामहिम कॉन्स्टेंटिनो चिवेंगा ने अपनी दो दिवसीय सूरत यात्रा के दूसरे दिन शनिवार को कृषि, उद्योग और शिक्षा जगत की प्रमुख संस्थाओं का दौरा किया।
दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसजीसीसीआई) के तत्वावधान में आयोजित इस यात्रा का उद्देश्य निवेश, कृषि और हीरा उद्योग में सहयोग और शैक्षणिक आदान-प्रदान की संभावनाओं को तलाशना था।
उपराष्ट्रपति चिवेंगा ने सूरत एपीएमसी (कृषि उपज बाजार समिति) का निरीक्षण कर इसके पारदर्शी और किसान-हितैषी व्यापार मॉडल की सराहना की। उन्होंने इसे ज़िम्बाब्वे में लागू करने की इच्छा जताई और पायलट परियोजना के रूप में 6–7 एकड़ भूमि पर विभिन्न फसलों की खेती के लिए सूरत एपीएमसी को आमंत्रित किया।
एपीएमसी अध्यक्ष एवं विधायक संदीपभाई देसाई और सीईओ नीलेशभाई कोराट के साथ विस्तृत बातचीत में उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण और कृषि में मूल्य संवर्धन के क्षेत्र में सहयोग का प्रस्ताव रखा।
इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने एसआरके एक्सपोर्ट्स का दौरा किया। यहाँ कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) की पहल ने उन्हें विशेष रूप से प्रभावित किया। राज्यसभा सांसद गोविंदभाई ढोलकिया के साथ हुई चर्चा के दौरान उपराष्ट्रपति ने सूरत के हीरा उद्योग को ज़िम्बाब्वे में कारखाना स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया।
वीएनएसजीयू (वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय) के दौरे में उन्हें विश्वविद्यालय के शोध और कौशल विकास कार्यक्रमों से अवगत कराया गया। चिवेंगा ने दोनों देशों के शैक्षणिक संस्थानों और छात्रों के बीच आदान-प्रदान को भविष्य में मजबूत बनाने की आशा व्यक्त की।
चैंबर अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने कहा, ज़िम्बाब्वे के उपराष्ट्रपति का सूरत मॉडल में गहरी रुचि हमारे लिए गर्व का विषय है। इस दौरे ने शिक्षा, कृषि, कपड़ा और हीरा उद्योग में सहयोग के नए अवसर खोले हैं।
दौरे के दौरान चैंबर उपाध्यक्ष अशोक जीरावाला, पूर्व अध्यक्ष विजय मेवावाला, मानद मंत्री बिजल जरीवाला और कोषाध्यक्ष सीए मितेश मोदी भी उपस्थित रहे।