सूरत के सरथाना नेचर पार्क में कर्मचारियों की कमी, त्योहारों की भीड़ से सुरक्षा पर खतरा

रक्षाबंधन पर उमड़ी 21,700 की भीड़; सुरक्षा गार्डों की संख्या कम होने से अराजकता का माहौल

सूरत के सरथाना नेचर पार्क में कर्मचारियों की कमी, त्योहारों की भीड़ से सुरक्षा पर खतरा

सूरत।  सूरत के लोकप्रिय सरथाना नेचर पार्क में कर्मचारियों और सुरक्षा गार्डों की कमी के कारण त्योहारों के दौरान सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएँ बढ़ गई हैं। हाल ही में, रक्षाबंधन के दिन जब पार्क में पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ी, तो सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई।

रक्षाबंधन के दिन पार्क में 21,700 पर्यटक पहुँचे, जिससे पार्क पूरी तरह से भर गया था। इस दौरान पर्याप्त सुरक्षा गार्ड न होने के कारण कुछ शरारती तत्व जानवरों के पिंजरों के पास लगे बैरिकेड को पार कर गए। कुछ लोगों को लाठियों से जानवरों को परेशान करते और पिंजरों की रेलिंग पर बैठकर तस्वीरें लेते हुए भी देखा गया।

इस घटना ने एक गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है कि अगर कोई दुर्घटना होती है, तो इसका ज़िम्मेदार कौन होगा।अतीत में दिल्ली, नागपुर और इंदौर जैसे शहरों के चिड़ियाघरों में ऐसी ही घटनाओं में हिंसक हादसे हो चुके हैं। यदि यहाँ भी कोई व्यक्ति गलती से हिंसक जानवर के पिंजरे में गिर जाता है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

पार्क में टिकट वितरण के लिए आठ खिड़कियाँ हैं, लेकिन नियमित तौर पर केवल चार कर्मचारी ही काम करते हैं। त्योहारों और रविवार को जब भीड़ बढ़ जाती है, तो स्थिति और भी खराब हो जाती है। रक्षाबंधन के दिन इतनी भीड़ थी कि प्रभारी चिड़ियाघर अधीक्षक को भी टिकट बांटने के लिए बैठना पड़ा। इसके बावजूद, भीड़ को संभालना मुश्किल हो गया था।

कर्मचारियों की कमी के कारण टिकट काउंटर पर लंबी कतारें लग जाती हैं और अन्य कर्मचारियों को भी अपने मूल काम छोड़कर टिकट वितरण जैसे काम करने पड़ते हैं। सूरत नगर निगम की भर्ती नीति पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि इस तरह की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त स्टाफ का होना बेहद ज़रूरी है।

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