सूरत : स्वस्थ जोड़ और मस्तिष्क पर संगोष्ठी का आयोजन, चैंबर ऑफ कॉमर्स की स्वास्थ्य श्रृंखला का अहम कदम
डॉ. जेनी गांधी और डॉ. मनु शर्मा ने ब्रेन स्ट्रोक और जोड़ प्रत्यारोपण से जुड़ी भ्रांतियों को किया दूर, रोबोटिक सर्जरी पर भी रखे स्पष्ट विचार
सूरत। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (SGCCI) द्वारा स्वास्थ्य श्रृंखला के अंतर्गत रविवार, 20 जुलाई 2025 को नानपुरा स्थित समृद्धि भवन में ‘स्वस्थ जोड़, स्वस्थ मस्तिष्क: रोकथाम और हस्तक्षेप’ विषय पर एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ब्रेन स्ट्रोक और जोड़ प्रत्यारोपण से संबंधित भ्रांतियों को दूर कर जागरूकता का संदेश दिया।
कार्यक्रम में एमडी, एफआरसीआर, एफवीआईआर, एफएनवीआईआर वैस्कुलर इंटरवेंशन विशेषज्ञ डॉ. जेनी गांधी ने "ब्रेन स्ट्रोक की रुग्णता और मृत्यु दर को कम करने में न्यूरोलॉजी की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा, “यह एक मिथक है कि एक बार लकवा होने पर मरीज जीवनभर बिस्तर पर ही रहता है और उसकी आयु कम हो जाती है। यदि समय रहते सही चिकित्सकीय हस्तक्षेप हो, तो मरीज सामान्य जीवन जी सकता है।
उन्होंने बताया कि लकवा प्रायः ब्रेन हैमरेज या ब्रेन ट्यूब में रुकावट के कारण होता है। 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को हर 6 महीने में स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए। मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसे जोखिम कारकों पर नियंत्रण रखना चाहिए और अचानक अंधापन, बोलने में परेशानी या कमजोरी जैसे लक्षण दिखाई दें तो तुरन्त डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
वहीं, कंसल्टेंट जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन और एमएस डॉ. मनु शर्मा ने गठिया की रोकथाम और उसमें जोड़ प्रत्यारोपण की भूमिका पर विचार रखे। उन्होंने कहा, आधा जोड़ प्रत्यारोपण (हाफ रिप्लेसमेंट) की उम्र 10-15 साल होती है, जबकि पूरा जोड़ प्रत्यारोपण (फुल रिप्लेसमेंट) 20-25 साल तक चलता है।
उन्होंने यह भी बताया कि समाज में यह भ्रांति है कि जोड़ सर्जरी के बाद मरीज हमेशा के लिए बिस्तर पर रह जाता है। उन्होंने रोबोटिक जोड़ सर्जरी को लेकर भी चेताया और कहा कि इसमें अधिक चोट लगने और समय लगने की संभावना रहती है, इसलिए ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने इसे बंद कर दिया है। सही प्रत्यारोपण, सही अस्पताल और अनुभवी डॉक्टर का चयन ही सफल सर्जरी की कुंजी है।
इस अवसर पर चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने स्वागत भाषण देते हुए चैंबर की जनस्वास्थ्य पहल और समाजसेवी कार्यों की जानकारी दी। जनस्वास्थ्य समिति के सह-अध्यक्ष डॉ. राजन देसाई ने संगोष्ठी की रूपरेखा प्रस्तुत की और वक्ताओं का परिचय कराया।
पूरे सत्र का संचालन महेश पमनानी (SGCCI शिक्षा एवं कौशल विकास केंद्र के अध्यक्ष) द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में वक्ताओं ने उपस्थित श्रोताओं के प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर देकर संगोष्ठी का सार्थक समापन किया।