सूरत : ब्रेनडेड रिया के हाथों से भाई को बंधी राखी, मानवता की मिसाल बना रक्षाबंधन
मुंबई से वलसाड आकर अनामता ने चुकाया रिया का कर्ज, बहन-भाई के रिश्ते ने फिर जीता दिल
सूरत। इस साल का रक्षाबंधन एक अनोखी और हृदयस्पर्शी घटना का गवाह बना, जिसने रिश्तों, प्रेम और मानवता की नई परिभाषा गढ़ी है। 9 वर्षीय ब्रेनडेड बच्ची रिया बॉबी मिस्त्री के हाथ का दान पाने वाली मुंबई की 15 वर्षीय अनामता अहमद, रिया के भाई शिवम को राखी बांधने के लिए वलसाड पहुंचीं। यह पल सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि दो परिवारों और दो धर्मों को जोड़ने वाली एक अविस्मरणीय घटना बन गया।
सूरत के किरण अस्पताल में सितंबर 2024 में वलसाड कि रिया को ब्रेनडेड घोषित किए जाने के बाद, 'डोनेट लाइफ' संस्था के माध्यम से उसका दाहिना हाथ दान कर दिया गया था। डॉ. नीलेश सातभाई ने यह हाथ गोरेगांव की अनामता अहमद को सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया।
अनामता ने अपना दाहिना हाथ एक दुर्घटना में खो दिया था। इस प्रत्यारोपण से अनामता को न सिर्फ एक नया हाथ मिला, बल्कि रिया के रूप में एक बहन और शिवम के रूप में एक भाई भी मिला।
राखी बांधने के लिए अनामता ने मुंबई से वलसाड तक का सफर तय किया। जब उन्होंने रिया के ही हाथों से शिवम की कलाई पर राखी बांधी, तो वहां मौजूद हर किसी की आँखें नम हो गईं।
रिया के माता-पिता, बॉबी और तृष्णा, ने कहा, "आज ऐसा लग रहा है कि रिया हमारे बीच वापस आ गई है। उसकी राखी, उसका स्पर्श, सब कुछ ऐसा लग रहा है मानो वापस आ गया हो।" उन्होंने अनामता को गले लगाकर अपनी बेटी को महसूस किया।
अनामता ने भावुक होते हुए कहा, "रिया के परिवार का शुक्रिया अदा करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। रिया के हाथ ने मेरे जीवन में एक नई शुरुआत की है।"
'डोनेट लाइफ' संस्था के अध्यक्ष नीलेश मंडलेवाला ने इस घटना को "मानवता का सबसे बड़ा धर्म" बताया। इस अनोखी पहल ने यह साबित कर दिया कि प्रेम और सेवा का कोई धर्म नहीं होता। इस साल का यह रक्षाबंधन सचमुच ईश्वर और अल्लाह की सच्ची दिव्यता को साकार करने वाला पल बन गया।
डोनेट लाइफ के माध्यम से अब तक कुल 1336 अंग और ऊतक दान किए जा चुके हैं। इनमें से 542 किडनी, 235 लीवर, 57 हृदय, 52 फेफड़े, 9 अग्न्याशय, 8 हाथ, 1 छोटी आंत और 432 आँखें दान की गई हैं, जिससे देश-विदेश के कुल 1232 लोगों को सफलतापूर्वक नया जीवन और नई दृष्टि प्रदान की गई है।