सूरत : नवी सिविल अस्पताल में नर्सों ने मरीजों व स्टाफ को राखी बांधकर मनाया रक्षाबंधन
पिछले तीन दशकों से जारी परंपरा, सभी धर्मों की नर्सों ने मरीजों के अच्छे स्वास्थ्य और सद्भावना की कामना की
सूरत। नवी सिविल अस्पताल में रक्षाबंधन का त्योहार इस बार भी सेवा और अपनत्व की भावना के साथ मनाया गया। पिछले 30 वर्षों से नर्सें इस दिन मरीजों, डॉक्टरों, विभागाध्यक्षों, सुरक्षा कर्मियों, सफाई कर्मचारियों और सहकर्मियों को राखी बांधकर रक्षा सूत्र का संदेश देती आ रही हैं।
इस वर्ष भी नवी सिविल की नर्सों ने विभिन्न विभागों के प्रमुखों, चिकित्सा अधिकारियों, 108 एम्बुलेंस स्टाफ और विभिन्न वार्डों में भर्ती मरीजों को राखी बांधी।
हिंदू, मुस्लिम, जैन, सिख और ईसाई – सभी धर्मों की नर्सों ने मरीजों की बहनों की भूमिका निभाई और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। बिस्तर पर पड़े मरीजों ने भी राखी बंधवाकर भावुकता व्यक्त की, कई की आंखें नम हो गईं। इस अनूठी पहल से अस्पताल में सद्भाव और सौहार्द का वातावरण बना।
हेनी रमेश चंद्र संघवी, जो पिछले 11 वर्षों से नवी सिविल में रक्षाबंधन और दिवाली मनाने आते हैं, ने भी इस बार रक्षा सूत्र बांधा। उन्होंने कहा, “मरीज की सेवा के साथ त्योहार मनाने से आशीर्वाद और संतुष्टि का जो अनुभव मिलता है, वह अद्वितीय है।”
इस अवसर पर ऑर्थोपेडिक विभागाध्यक्ष डॉ. हरि मेनन, टीबी-चेस्ट विभागाध्यक्ष डॉ. पारुल वडगामा, मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. के.एन. भट्ट, आरएमओ डॉ. केतन नायक, नर्सिंग काउंसिल के उपाध्यक्ष इकबाल कड़ीवाला, डॉ. हिनल भगत, अधीक्षक जिगिषा श्रीमाली, नीरजा पटेल, स्टेफी क्रिश्चियन, टीएनए स्थानीय अध्यक्ष अश्विन पंड्या, जगदीश बुहा, विभोर चुग, बिपिन मेकवान, वीरेन पटेल, हेड नर्स, स्टाफ नर्स और नर्सिंग एसोसिएशन टीम की बहनों सहित सभी रेजिडेंट डॉक्टरों को राखी बांधी गई।
नवी सिविल अस्पताल की यह परंपरा केवल एक त्योहार का उत्सव नहीं, बल्कि मानवता, करुणा और भाईचारे का जीवंत उदाहरण है।