सूरत : चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा "द अनस्पोकन एज" विषय पर सत्र आयोजित, शारीरिक भाषा से उपस्थिति और प्रभाव में सुधार पर जोर

जीवन प्रबंधन प्रशिक्षक शीतल गोसाई ने बताया – शारीरिक भाषा से आत्मविश्वास, नेतृत्व और पेशेवर व्यवहार को मिले नई ऊँचाइयाँ

सूरत : चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा

दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (SGCCI) द्वारा बुधवार, 30 जुलाई 2025 को शाम 5:30 बजे सरसाणा स्थित समहति में "द अनस्पोकन एज" शारीरिक भाषा से अपनी उपस्थिति बदलें” विषय पर एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र का उद्देश्य पेशेवरों, उद्यमियों और युवाओं को गैर-मौखिक संचार (non-verbal communication) के महत्व से अवगत कराना था।

कार्यक्रम में जीवन प्रबंधन प्रशिक्षक शीतल गोसाई ने विस्तारपूर्वक बताया कि शारीरिक भाषा किस प्रकार किसी व्यक्ति के आत्मविश्वास, प्रभाव और व्यवहार में बदलाव ला सकती है। उन्होंने कहा कि “शारीरिक भाषा एक मूक संप्रेषण कला है, जो बिना बोले हमारे आत्मबल, विचार और नेतृत्व क्षमता को उजागर करती है।” उन्होंने उदाहरणों के माध्यम से यह भी बताया कि कैसे किसी बैठक, प्रस्तुति या सार्वजनिक कार्यक्रम में आपके हावभाव, आंखों का संपर्क, बैठने का तरीका और शरीर की मुद्रा सामने वाले पर गहरा प्रभाव छोड़ते हैं।

चैंबर के अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने अपने स्वागत वक्तव्य में कहा “आज के दौर में संवाद केवल शब्दों तक सीमित नहीं है। शारीरिक भाषा और व्यक्तिगत उपस्थिति भी उतनी ही आवश्यक हैं। इस तरह के सत्रों से चैंबर अपने सदस्यों को सतत व्यक्तिगत विकास की दिशा में प्रेरित करता है।”

 शारीरिक भाषा के ज़रिए आत्मविश्वास को कैसे बढ़ाएं, व्यावसायिक प्रस्तुतियों में हावभाव की भूमिका, नेतृत्व क्षमता को मजबूत करने में शरीर की मुद्रा का महत्व, अनजाने में होने वाली गलतियों से कैसे बचें, प्रभावशाली उपस्थिति के लिए दिनचर्या में शामिल सुधार

कार्यक्रम का संचालन डॉ. धर्मेंद्र सेठ, कौशल विकास समिति के सह-अध्यक्ष द्वारा किया गया। डॉ. निकेत शास्त्री ने मुख्य वक्ता शीतल गोसाई का परिचय कराया और सत्र के महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर चैंबर के पूर्व अध्यक्ष ने उपस्थित प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उद्यमियों, प्रोफेशनल्स और छात्रों ने भाग लिया और शारीरिक भाषा से जुड़े प्रश्न पूछकर विषय में अपनी सक्रिय रुचि दिखाई। यह सत्र न केवल ज्ञानवर्धक रहा, बल्कि उपस्थित सभी लोगों के लिए स्वयं के भीतर झांकने और बेहतर बनाने की दिशा में एक प्रेरणादायी कदम साबित हुआ।

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