सूरत : श्री माधव गौशाला के 50 युवाओं ने की अनोखी सेवा: 300 दशामाता मूर्तियाँ नहरों से निकालकर समुद्र में किया पुनःविसर्जन

धार्मिक मर्यादा और पर्यावरण सुरक्षा के लिए सांस्कृतिक संरक्षण समिति का उल्लेखनीय अभियान

सूरत : श्री माधव गौशाला के 50 युवाओं ने की अनोखी सेवा: 300 दशामाता मूर्तियाँ नहरों से निकालकर समुद्र में किया पुनःविसर्जन

सांस्कृतिक संरक्षण समिति द्वारा संचालित श्री माधव गौशाला, डिंडोली के 50 से अधिक युवाओं ने एक विशेष सेवा कार्य में भाग लेते हुए डिंडोली और खरवासा की नहरों से तैरती हुई व अर्ध-विसर्जित दशामाता की 300 से अधिक पीओपी निर्मित मूर्तियों को निकालकर विधिवत रूप से हजीरा के समुद्र तट पर पुनःविसर्जित किया।

इस अवसर पर गौशाला अध्यक्ष आशीष सूर्यवंशी ने जानकारी दी कि यह सेवा अभियान पिछले 9 वर्षों से लगातार किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य श्रद्धालुओं को धार्मिक मूर्तियों के सही और शास्त्रोक्त विसर्जन के प्रति जागरूक करना है। समिति का मानना है कि नहरों और सार्वजनिक स्थानों पर मूर्तियाँ फेंकना धर्म का अपमान है और यह प्रकृति के लिए भी घातक है।

समिति ने कई बार मनपा आयुक्त और पुलिस विभाग को ज्ञापन देकर विसर्जन के दिनों में नहर क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था की मांग की थी। इसके बावजूद कई श्रद्धालु गुपचुप तरीके से मूर्तियाँ फेंक जाते हैं, जिससे धार्मिक मर्यादा भंग होती है।

आशीष सूर्यवंशी ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि मिट्टी से बनी छोटी मूर्तियाँ घर लाएं और उन्हें घर के आंगन या समुद्र में विधिवत विसर्जित करें। उन्होंने आगामी गणेश उत्सव को ध्यान में रखते हुए भी इसी प्रकार की चेतना का आह्वान किया। यह सेवा कार्य न केवल धार्मिक आस्था की रक्षा करता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक प्रशंसनीय कदम है।

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