सूरत डायमंड बुर्स को मिलेगी नई चमक? 23 जनवरी से सभी कार्यालयों में व्यापार शुरू करने का ऐलान

गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी की घोषणा से जगी उम्मीदें, छोटे व्यापारियों को 15,000 रुपये में मिलेगा कार्यालय

सूरत डायमंड बुर्स को मिलेगी नई चमक? 23 जनवरी से सभी कार्यालयों में व्यापार शुरू करने का ऐलान

सूरत। गुजरात के गृह एवं उद्योग राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने एक अहम घोषणा करते हुए बताया कि सूरत डायमंड बुर्स (एसडीबी) में 23 जनवरी 2026 से सभी हीरा व्यापारिक कार्यालयों की गतिविधियाँ शुरू हो जाएंगी।

यह निर्णय महिधरपुरा, वराछा और कतारगाम क्षेत्रों के हीरा व्यापारियों, दलालों और छोटे व्यापारियों के साथ हुई बैठक के बाद लिया गया। इस तारीख को महिधरपुरा हीरा बाजार के कार्यालयों को बंद कर, सभी व्यापारी डायमंड बुर्स परिसर में स्थानांतरित हो जाएंगे।

इस ऐतिहासिक बैठक में एसडीबी अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद गोविंद ढोलकिया, उपाध्यक्ष लालजीभाई टी. पटेल, तथा अन्य प्रमुख उद्योगपति एवं हीरा व्यापार से जुड़े सैकड़ों व्यापारी मौजूद रहे।

मंत्री संघवी ने कहा कि इस निर्णय से छोटे व्यापारियों और दलालों को सबसे अधिक लाभ होगा क्योंकि सभी क्रेता और विक्रेता एक ही छत के नीचे आ सकेंगे, जिससे पारदर्शिता, सुविधा और व्यापारिक गति में सुधार होगा।

संघवी ने यह भी घोषणा की कि एसडीबी में छोटे व्यापारियों को महज़ 15,000 रुपये में ऑफिस-सह-केबिन उपलब्ध कराया जाएगा। यह कदम उन व्यापारियों के लिए राहत साबित होगा जो अब तक अधिक लागत के कारण बर्स में स्थानांतरित नहीं हो पा रहे थे।

हालांकि अधिकांश व्यापारी एसडीबी में स्थानांतरित होने के लिए तैयार हैं, पालनपुर, डीसा और धनेरा के कुछ जैन व्यापारी, जिनका महिधरपुरा हीरा बाजार पर प्रभाव है, उत्साह नहीं दिखा रहे हैं। इस चुनौती को देखते हुए मंत्री हर्ष संघवी, अरविंद अजबानी और आशीष दोषी ने उन्हें समझाने का प्रयास शुरू किया है।

 हर्ष संघवी ने कहा कि एसडीबी दुनिया भर के व्यापारियों के लिए प्रेरणा केंद्र बनेगा। हालांकि, इससे पहले भी वल्लभभाई लखानी जैसे प्रमुख उद्योगपति एसडीबी को गति देने में असफल रहे थे और अंततः इस्तीफा देकर मुंबई लौट गए थे। साथ ही, एसडीबी परिसर में बैंकों की शाखाएँ और अमूल व सुमुल जैसे प्रतिष्ठानों को बंद करना पड़ा था।

एसडीबी के धीमे विकास का एक बड़ा कारण सूरत हवाई अड्डे का सीमित बुनियादी ढाँचा भी है। अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के लिए सीधे संपर्क और वाइड-बॉडी विमानों की लैंडिंग की सुविधा न होने से व्यापार प्रभावित हो रहा है। हालांकि केंद्र सरकार से आग्रह के बाद दुबई और बैंकॉक के लिए सीमित उड़ानें शुरू की गई हैं, लेकिन रनवे के निर्माण कार्य के कारण अब भी कई अंतरराष्ट्रीय संपर्क बाधित हैं।

इसी बीच, नवी मुंबई में 2,000 से अधिक इकाइयों वाले इंडिया ज्वैलरी पार्क का कार्य तेज़ी से चल रहा है। यह परियोजना अगर समय पर पूरी होती है, तो सूरत डायमंड बुर्स के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है।

हीरा उद्योग की वैश्विक चमक को सूरत से जोड़ने के लिए डायमंड बुर्स को पूरी तरह सक्रिय करना जरूरी है। 23 जनवरी को व्यापारिक गतिविधियों की पूर्ण शुरुआत के बाद यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या यह प्रयास सूरत को हीरा कारोबार की वैश्विक राजधानी बनाने की दिशा में निर्णायक साबित हो पाएगा या नहीं।