सूरत : एएम/एनएस इंडिया बनी CSIR-CRRI की स्टील स्लैग एग्रीगेट्स तकनीक का लाइसेंस पाने वाली पहली कंपनी

'वेस्ट-टू-वेल्थ' पहल को मिली गति; टिकाऊ सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में मील का पत्थर

सूरत : एएम/एनएस इंडिया बनी CSIR-CRRI की स्टील स्लैग एग्रीगेट्स तकनीक का लाइसेंस पाने वाली पहली कंपनी

सूरत, हजीरा | आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (AM/NS India) ने देश में पहली बार CSIR – सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (CRRI) द्वारा विकसित स्टील स्लैग एग्रीगेट्स वैल्यूराइजेशन तकनीक का आधिकारिक लाइसेंस प्राप्त किया है। इस पहल से कंपनी अपने हजीरा स्थित संयंत्र में वैज्ञानिक रूप से स्टील स्लैग का प्रसंस्करण कर उसका उपयोग सड़क और भवन निर्माण में कर सकेगी।

यह तकनीक ‘वेस्ट-टू-वेल्थ’ सिद्धांत पर आधारित है और भारत सरकार के सर्कुलर इकॉनॉमी एवं नेट ज़ीरो लक्ष्यों को साकार करने में योगदान देगी। AM/NS इंडिया इस तकनीक के अंतर्गत अपने ब्रांड “AM/NS आकार” के अंतर्गत विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया प्रोसेस्ड स्लैग उत्पादित कर रही है।

तकनीकी और पर्यावरणीय लाभ इस प्रकार है। स्टील स्लैग रोड पारंपरिक बिटुमिनस रोड से 30-40% अधिक लागत प्रभावी, तीन गुना अधिक टिकाऊ, जिससे रखरखाव की लागत घटेगी, विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों (तटीय, पहाड़ी) में उपयोग के लिए उपयुक्त, प्राकृतिक एग्रीगेट्स पर निर्भरता घटेगी, पर्यावरणीय प्रभाव में कमी।

सीएसआईआर-सीआरआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक सतीश पांडे ने कहा यह तकनीक सड़क अवसंरचना क्षेत्र के लिए गेम चेंजर साबित होगी। भारत में हर साल 19 मिलियन टन से अधिक स्टील स्लैग उत्पन्न होता है, जिसे यदि वैज्ञानिक रूप से प्रोसेस न किया जाए तो दीर्घकालिक गुणवत्ता में समस्या आ सकती है।

AM/NS India के सेल्स और मार्केटिंग निदेशक रंजन धर ने कहा यह उपलब्धि हमारे ‘वेस्ट-टू-वेल्थ’ विजन और सर्कुलर इकॉनॉमी के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत करती है। हजीरा में निर्मित हमारी स्टील स्लैग रोड को ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ और ‘एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में भी दर्ज किया गया है।

महत्वपूर्ण परियोजनाएँ: 2022: हजीरा में भारत की पहली ऑल स्टील स्लैग रोड का निर्माण, हाल ही में हजीरा पोर्ट में बनी विश्व की पहली तटीय स्टील स्लैग रोड, सूरत के NH-53 डायमंड बुर्स रोड में भी “AM/NS आकार” का प्रयोग। 

भविष्य की संभावनाएँ: भारत सरकार स्टील उत्पादन क्षमता को 2030 तक 300 मिलियन टन और स्टील स्लैग उत्पादन को 60 मिलियन टन तक ले जाने का लक्ष्य रख रही है। यह तकनीक 2050 तक $2 ट्रिलियन से अधिक के बाजार और 1 करोड़ नौकरियों की संभावनाएँ खोल सकती है।

AM/NS इंडिया की यह पहल एक हरित और सतत भविष्य की दिशा में एक अहम मील का पत्थर है। CSIR-CRRI की तकनीक के साथ, कंपनी न केवल पर्यावरण संरक्षण बल्कि भारतीय बुनियादी ढांचे में नवाचार और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी उल्लेखनीय योगदान दे रही है।