सूरत : गुजरात के आदिवासी छात्र मिलन पटेल की ऊंची उड़ान – बना इंडिगो एयरलाइंस में कामर्शियल पायलट

राज्य सरकार की पायलट लोन सहायता योजना से मिला सहयोग, अमेरिका में लिया प्रशिक्षण, युवाओं के लिए बनी प्रेरणा

सूरत : गुजरात के आदिवासी छात्र मिलन पटेल की ऊंची उड़ान – बना इंडिगो एयरलाइंस में कामर्शियल पायलट

गुजरात सरकार द्वारा आदिवासी और ग्रामीण छात्रों को वैश्विक स्तर पर सफलता दिलाने के उद्देश्य से चलाई जा रही योजनाएं अब साकार होती दिख रही हैं। इसी दिशा में सूरत ज़िले के महुवा तालुका के देदवासन गांव से निकलकर मिलन अजीतभाई पटेल ने कामर्शियल पायलट बनकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उनका चयन इंडिगो एयरलाइंस में पायलट के रूप में हुआ है और वे जल्द ही अपनी सेवा आरंभ करेंगे।

मिलन पटेल शिक्षक माता-पिता के पुत्र हैं और उन्होंने एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही पायलट बनने का निश्चय कर लिया था। एयर इंडिया में इंटर्नशिप के दौरान जब उन्होंने कॉकपिट को नज़दीक से देखा, तभी उन्होंने ठान लिया कि अब उन्हें आकाश की ऊंचाई को ही छूना है। उन्होंने यह सपना अपने माता-पिता से साझा किया, जिन्होंने उन्हें संपूर्ण सहयोग दिया। 

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मिलन को गुजरात सरकार की "कामर्शियल पायलट लोन सहायता योजना" के अंतर्गत रु. 25 लाख की आर्थिक सहायता प्राप्त हुई। उन्होंने मांडवी तालुका के परियोजना कार्यालय में आवेदन कर यह सहायता प्राप्त की और इसके बाद अमेरिका जाकर कमर्शियल पायलट का प्रशिक्षण लिया। प्रशिक्षण पूरा कर भारत लौटने के बाद उन्होंने भारतीय नियमों के अनुसार पायलट लाइसेंस कन्वर्ट कराया।

मिलन ने जलगांव स्थित स्कायनेक्स एयरो में मल्टी इंजन ट्रेनिंग ली और कोलंबिया में भारतीय विमानों की उड़ान से संबंधित प्रशिक्षण भी प्राप्त किया। इन सभी प्रक्रियाओं को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद उन्होंने इंडिगो एयरलाइंस में चयनित होकर अपने सपने को साकार किया।

अपने अनुभव साझा करते हुए मिलन कहते हैं, “बचपन में लगता था कि पायलट बनना सिर्फ बड़े शहरों के छात्रों के लिए ही संभव है। लेकिन जब गुजरात सरकार की योजना के अंतर्गत मुझे सहायता मिली, तब समझ में आया कि इच्छा हो तो राहें बन ही जाती हैं।”

उन्होंने ग्रामीण और आदिवासी छात्रों से आह्वान किया कि वे भी राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं और अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं। मिलन ने अपनी सफलता का श्रेय सरकार की योजनाओं को दिया और इसे छात्रों के लिए “वरदान” बताया।

मिलन की यह प्रेरणादायक सफलता न केवल उनके गांव के लिए गर्व की बात है, बल्कि उन तमाम युवाओं के लिए भी आशा की किरण है जो सीमित संसाधनों के बावजूद ऊंची उड़ान भरने का सपना देखते हैं।

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