सूरत : नेत्रदान और देहदान से प्रेरणादायक बना अंतिम विदा का क्षण

स्व. जमनाबेन काछड़िया की अंतिम क्रिया में रक्तदान शिविर आयोजित, दो दृष्टिहीनों को मिलेगा नया जीवन

सूरत : नेत्रदान और देहदान से प्रेरणादायक बना अंतिम विदा का क्षण

सूरत में सामाजिक सेवा और मानवता की मिसाल पेश करते हुए स्व. जमनाबेन काछड़िया (उम्र 97) की अंतिम क्रिया के अवसर पर उनके परिवार ने नेत्रदान, देहदान और रक्तदान का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। जमनाबेन काछड़िया का पार्थिव शरीर उनके पुत्र मगनभाई राणाभाई काछड़िया की जागरूकता के चलते किरण मेडिकल कॉलेज को शैक्षणिक उपयोग हेतु दान किया गया। साथ ही उनके नेत्र भी दान किए गए, जिससे दो दृष्टिहीन व्यक्तियों को फिर से देखने की रोशनी प्राप्त होगी।

सामाजिक संगठनों  लोकदृष्टि आई बैंक, इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी (चोर्यासी ब्रांच), सक्षम सूरत महानगर, लायंस क्लब ऑफ सूरत ईस्ट, रोटरी क्लब ऑफ सूरत ईस्ट और उगम फौज के संयुक्त प्रयास से इस पुनीत कार्य को संपन्न किया गया।

परिवारजनों – पुत्र रमेशभाई, पौत्र परेशभाई, मनोजभाई, पुत्रवधू मंजूबेन मगनभाई, उनकी बेटी कंचनबेन, पौत्री मनिषा बेन रमेशभाई, अस्मिता बेन रमेशभाई, तृप्ति बेन रमेशभाई, सारिका रमेशभाई, की उपस्थिति में यह प्रेरणादायी कार्य संपन्न हुआ। मूल रूप से अमरेली जिले के असोदर गांव से ताल्लुक रखने वाली जमनाबेन का निवास सूरत के सरथाणा विस्तार में है।

उत्तरक्रिया के अवसर पर आयोजित रक्तदान शिविर में युवाओं ने अपनी दादी को श्रद्धांजलि स्वरूप रक्तदान किया। लोकदृष्टि चक्षु बैंक के डॉ. प्रफुल्ल शिरोया ने जानकारी दी कि कई महिलाएं हीमोग्लोबिन की कमी के कारण रक्तदान नहीं कर सकीं, इसलिए महिलाओं को संतुलित और आयरन युक्त भोजन अपनाने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर डॉ. शिरोया, राजकिशोर बेहेरा, डॉ. भावेश शिंगाला, विक्रम दामाणी, शैलेश बेलड़िया समेत सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं और संगठनों ने दिवंगत आत्मा की शांति और परिवार को इस अपार क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की। इस तरह स्व. जमनाबेन काछड़िया की अंतिम विदाई समाज के लिए एक आदर्श बन गई, जो अंगदान और रक्तदान जैसे कार्यों के प्रति जागरूकता फैलाने का माध्यम बनी।

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