सूरत : ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की रणनीति में बदलाव पर एसजीसीसीआई ने आयोजित किया सेमिनार

दक्षिण गुजरात चैंबर द्वारा 'सूरत इकोनॉमिक फोरम' के तहत आयोजित सत्र में रक्षा क्षेत्र के भविष्य और उद्यमियों के लिए अवसरों पर चर्चा

सूरत : ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की रणनीति में बदलाव पर एसजीसीसीआई ने आयोजित किया सेमिनार

सूरत। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसजीसीसीआई) ने सूरत इकोनॉमिक फोरम के अंतर्गत ‘भारत की पुनर्स्थिति – ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक रणनीतिक बदलाव’ विषय पर समहति, सरसाणा में एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया।

इस सत्र में प्रमुख वक्ता के रूप में कॉन्सेप्ट इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड के फंड मैनेजर सिद्धार्थ मांडलेवाला ने उद्यमियों को भारत की बदलती रक्षा नीति और उससे जुड़ी संभावनाओं पर विस्तृत जानकारी दी।

चैंबर के अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने कहा कि सूरत और दक्षिण गुजरात के औद्योगिक विकास को नया दृष्टिकोण देने हेतु सूरत इकोनॉमिक फोरम की स्थापना की गई है। यह मंच केवल विमर्श तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि नीति-निर्माण और रणनीतिक दिशा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके तहत पूरे वर्ष उद्यमियों के लिए विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

मुख्य वक्ता सिद्धार्थ मांडलेवाला ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की रणनीति ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। पहले भारत आतंकवादी घटनाओं पर केवल कूटनीतिक प्रतिक्रिया देता था, लेकिन उरी और पुलवामा हमलों के बाद भारत ने सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के माध्यम से सख्त संदेश दिया।

उन्होंने बताया कि 2014 से पहले भारत का रक्षा बजट 2 लाख करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 6.81 लाख करोड़ रुपये हो चुका है। भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा रक्षा बजट वाला देश बन चुका है। साथ ही, रक्षा निर्यात 1500 करोड़ रुपये से बढ़कर 23,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जिसे वर्ष 2029 तक 50,000 करोड़ रुपये और 2047 तक 2.6 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने का लक्ष्य है।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत अब अपने रक्षा उपकरणों का 100% निर्माण घरेलू स्तर पर करने की दिशा में अग्रसर है। पहले रूस से आयात पर 70% निर्भरता थी, जो घटकर 36% रह गई है। अब निजी कंपनियां और स्टार्टअप भी रक्षा क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं, जिससे भारतीय उद्योगपतियों के लिए नए अवसर उत्पन्न हुए हैं।

इस सत्र में चैंबर के उपाध्यक्ष अशोक जीरावाला, पूर्व अध्यक्ष विजय मेवावाला, मानद मंत्री बिजल जरीवाला, मानद कोषाध्यक्ष मितेश मोदी, सूरत इकोनॉमिक फोरम के चेयरमैन हेमंत देसाई, ग्रुप चेयरमैन संजय पंजाबी समेत कई उद्यमी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। सत्र का संचालन संजय पंजाबी ने किया और अंत में प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया।

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