सूरत : एनटीपीसी झनोर में ‘बालिका सशक्तिकरण मिशन 2025’ का समापन

सूरत : एनटीपीसी झनोर में ‘बालिका सशक्तिकरण मिशन 2025’ का  समापन

बालिकाओं की आत्मविश्वासी प्रस्तुतियाँ, समाज के ज्वलंत मुद्दों पर संदेश और अतिथियों की सराहना ने समारोह को बनाया यादगार

5 जून 2025 को एनटीपीसी झनोर परिसर में ‘बालिका सशक्तिकरण मिशन 2025’ का समापन समारोह अत्यंत उत्साह और उल्लास के वातावरण में संपन्न हुआ। यह अवसर न केवल बालिकाओं के लिए, बल्कि उनके परिजनों, उपस्थित गणमान्य अतिथियों और समस्त एनटीपीसी झनोर परिवार के लिए प्रेरणास्रोत बन गया।

समारोह की शुरुआत बालिकाओं द्वारा पारंपरिक स्वागत और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। इसके पश्चात रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ हुईं, जिनमें नृत्य, नाटक और संवाद के माध्यम से बालिकाओं ने समाजिक मुद्दों जैसे बाल विवाह, प्लास्टिक प्रदूषण और कचरा प्रबंधन पर अपनी जागरूकता दर्शाई। दर्शकों ने इन प्रस्तुतियों को खड़े होकर सराहा।

मुख्य अतिथि कमलेश सोनी (क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक, पश्चिम क्षेत्र-1, मुंबई) ने कहा, “एनटीपीसी झनोर की यह पहल बेटियों को सशक्त बनाने की दिशा में मिसाल है। अगर सही दिशा, समर्पण और सहयोग मिले, तो बेटियाँ किसी भी क्षेत्र में इतिहास रच सकती हैं।”

परियोजना प्रमुख ए.के. पात्रा ने भावुक होते हुए कहा, “28 दिन पहले जुड़ी इन बालिकाओं में जो आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा अब दिख रही है, वह इस मिशन की सबसे बड़ी सफलता है। यह मिशन बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम है।”

विशिष्ट अतिथि श्रीमती अनु सोनी (अध्यक्षा, सखी महिला समिति), श्रीमती सुजाता पात्रा (गायत्री महिला चैरिटेबल एवं वेलफेयर ट्रस्ट), रोचक सक्सेना, एस.टी. किनागे और विजयलक्ष्मी मुरलीधरन ने भी कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति से शोभा बढ़ाई और बालिकाओं की सराहना की।

समारोह के दौरान ‘बालिका सशक्तिकरण मिशन 2025’ की बुकलेट का विमोचन भी किया गया। अंत में, बालिकाओं और उनके परिजनों द्वारा एनटीपीसी की इस पहल की खुले दिल से सराहना की गई। अभिभावकों ने कहा कि यह अनुभव उनकी बेटियों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा।

उल्लेखनीय है कि एनटीपीसी झनोर में यह मिशन वर्ष 2019 से निरंतर संचालित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य 12 से 16 वर्ष की आयु की आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन होनहार छात्राओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, डिजिटल साक्षरता, आत्मरक्षा और नेतृत्व कौशल के क्षेत्रों में प्रशिक्षण देना है।

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