सूरत : एसजीसीसीआई और सिंगापुर इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स में हुआ समझौता
दक्षिण गुजरात के उद्यमियों के लिए व्यापार, निवेश और तकनीकी साझेदारी को मिलेगा नया आयाम
सूरत, 5 जून 2025: दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (SGCCI) और सिंगापुर इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स (SICC) ने दक्षिण गुजरात के उद्यमियों के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह वर्चुअल बैठक दोनों चैंबरों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान, व्यापार और निवेश के अवसरों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी।
SGCCI के निर्वाचित अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने अपने स्वागत भाषण में सिंगापुर को एशिया का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र बताया, जो व्यापार के लिए उत्कृष्ट परिस्थितियां प्रदान करता है। उन्होंने भारत और सिंगापुर के बीच मजबूत व्यापारिक और आर्थिक सहयोग पर जोर देते हुए कहा कि दोनों देश एशिया की महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाएं हैं और कई क्षेत्रों में उनकी साझेदारी है।
मद्रासी ने यह भी बताया कि भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और गुणवत्तापूर्ण उत्पादों को बनाए रखने के लिए लगातार काम कर रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह समझौता ज्ञापन दक्षिण गुजरात के उद्यमियों को वैश्विक रुझानों से अवगत कराने और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उन्हें अधिक जानकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
सिंगापुर इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स की अध्यक्ष सुश्री डॉन टैन ली-रू ने SGCCI के प्रतिनिधिमंडल को सिंगापुर में आयोजित प्रदर्शनियों का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि दोनों चैंबर एक-दूसरे के आपसी कार्यक्रमों को बढ़ावा देंगे और व्यापार के अवसरों के बारे में जानकारी का आदान-प्रदान करेंगे।
SGCCI के समूह अध्यक्ष मितिश मोदी ने भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में सिंगापुर के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने SICC से अनुरोध किया कि वे आने वाले दिनों में SGCCI के साथ मिलकर दक्षिण गुजरात में अन्य परियोजनाओं में साझेदारी के अवसरों पर विचार करें।
इस वर्चुअल बैठक में SICC की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुश्री बिता सियो, सरकारी संबंध निदेशक सुश्री हमीजावती अब करीम, और मुख्य अधिकारी की पीए सुश्री शेरलिन लिम भी उपस्थित थीं। यह समझौता दक्षिण गुजरात के उद्यमियों के लिए नए वैश्विक अवसर खोलेगा और उन्हें अंतरराष्ट्रीय व्यापार परिदृश्य में अपनी पहचान बनाने में मदद करेगा।