सूरत में जीएसटी पर सेमिनार: इनवॉयस मैनेजमेंट और रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म पर विशेषज्ञों ने दी जानकारी
एसजीसीसीआई और एसजीआईटीबीए द्वारा आयोजित अध्ययन सत्र में कर विशेषज्ञों ने व्यापारियों को जीएसटी के महत्वपूर्ण पहलुओं से अवगत कराया
सूरत। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और दक्षिण गुजरात इनकम टैक्स बार एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को सूरत के नानपुरा स्थित समृद्धि भवन में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों पर एक अध्ययन सर्कल श्रृंखला का आयोजन किया गया।
इस सेमिनार में जीएसटी के तहत इनवॉयस प्रबंधन प्रणाली और रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गई।कार्यक्रम में विशेषज्ञ वक्ता के रूप में सीए पार्थ पटेल और सीए मिहिर मोदी ने संबोधन किया।
सीए पार्थ पटेल ने इनवॉयस मैनेजमेंट सिस्टम (IMS) पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह एक डिजिटल प्रणाली है जो व्यवसायों को बिलिंग और भुगतान की प्रक्रियाओं को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने में सहायता करती है। उन्होंने कहा, "इस प्रणाली के जरिए कंपनियां आसानी से इनवॉयस बना सकती हैं, भेज सकती हैं, उनका ट्रैक रख सकती हैं और भुगतान की स्थिति की पुष्टि कर सकती हैं।"
उन्होंने ज़ोहो इनवॉइस, क्विकबुक, टैलीप्राइम, फ्रेशबुक और व्यापार जैसे लोकप्रिय सॉफ्टवेयरों का उल्लेख करते हुए बताया कि ये सॉफ्टवेयर छोटे एवं मध्यम व्यवसायों, फ्रीलांसरों और बड़ी कंपनियों के लिए बेहद उपयोगी हैं।
इसके बाद सीए मिहिर मोदी ने जीएसटी के अंतर्गत रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (RCM) की व्याख्या की। उन्होंने बताया, "आमतौर पर जीएसटी के तहत कर की वसूली आपूर्तिकर्ता द्वारा की जाती है, लेकिन रिवर्स चार्ज के तहत यह जिम्मेदारी ग्राहक पर होती है।"
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि यदि किसी कंपनी द्वारा गैर-पंजीकृत ट्रांसपोर्टर से सेवा ली जाती है, तो उस पर RCM लागू होता है। उन्होंने सीजीएसटी की धारा 9(3) और 9(4) तथा आईजीएसटी की धारा 5(3) और 5(4) के प्रावधानों की जानकारी भी दी।
सीए मोदी ने कहा कि रिवर्स चार्ज के तहत प्राप्त सेवाओं पर अलग से पंजीकरण आवश्यक नहीं है, लेकिन कर का स्वंय भुगतान और उसका उचित लेखांकन अनिवार्य होता है। यह विवरण प्रत्येक माह जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3बी में प्रस्तुत करना होता है।
कार्यक्रम का स्वागत भाषण चैंबर की प्रबंध समिति के सदस्य वीरेश रूडलाल ने दिया। एसजीआईटीबीए की ओर से एडवोकेट अमरेश उपाध्याय और मानद कोषाध्यक्ष एडवोकेट निखिल पाटकर ने वक्ताओं का परिचय कराया।
सेमिनार का संचालन चैंबर की आयकर समिति के सह-अध्यक्ष दीपेश शकवाला ने किया, जबकि समापन पर एडवोकेट बाबूभाई डोमरिया ने उपस्थितजनों का आभार प्रकट किया।
यह सेमिनार शहर के व्यापारियों और वित्तीय पेशेवरों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुआ, जिसमें जीएसटी से जुड़ी जटिलताओं को सरल और व्यावहारिक रूप से समझाया गया।