सूरत : हीरा उद्योग को मंदी से राहत, गुजरात सरकार ने घोषित किया आर्थिक सहायता पैकेज

हीरा श्रमिकों की शिक्षा फीस माफ, उद्योग इकाइयों को 9% ब्याज सब्सिडी और बिजली ड्यूटी में छूट

सूरत :  हीरा उद्योग को मंदी से राहत, गुजरात सरकार ने घोषित किया आर्थिक सहायता पैकेज

सूरत। गुजरात में पिछले तीन वर्षों से मंदी की मार झेल रहे हीरा उद्योग के लिए राज्य सरकार ने बड़ा राहत पैकेज घोषित किया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल द्वारा 11 मार्च को ऑल गुजरात डायमंड एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ की गई बैठक के 74 दिन बाद शनिवार, 24 मई 2025 को यह घोषणा की गई। इस पैकेज के तहत हीरा श्रमिकों (रत्नकलाकारों) और छोटी हीरा इकाइयों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

गुजरात के गृह एवं उद्योग राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने राहत पेकेज की घोषणा करते हुए कहा कि सबसे पहले, उन हीरा श्रमिकों के बच्चों की एक वर्ष की शिक्षा फीस अधिकतम ₹13,500 तक माफ की जाएगी, जिन्हें 31 मार्च 2024 के बाद नौकरी नहीं मिली और वे उद्योग से बाहर हो गए। यह सहायता DBT के माध्यम से सीधे लाभार्थियों को दी जाएगी। इसके लिए पात्रता यह है कि श्रमिक ने कम से कम तीन वर्षों तक हीरा उद्योग में कार्य किया हो।

गौरतलब है कि अमेरिका में आई आर्थिक सुस्ती और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे वैश्विक कारणों से सूरत सहित पूरे गुजरात में हीरा उद्योग प्रभावित हुआ है। परिणामस्वरूप सैकड़ों श्रमिकों ने नौकरी गंवाई और कई ने आत्महत्या जैसे कदम भी उठाए, जिससे पूरे राज्य में प्रदर्शन की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।

उद्योग इकाइयों के लिए घोषित राहत के अंतर्गत अधिकतम ₹5 लाख का सावधि ऋण प्रदान किया जाएगा, जिस पर तीन वर्षों तक (1 जुलाई 2025 से 30 जून 2028 तक) 9 प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा, 1 जुलाई 2025 से एक वर्ष तक बिजली ड्यूटी में भी छूट दी जाएगी।

इस सहायता का लाभ उठाने के लिए हीरा इकाइयों को एक माह के भीतर जिला उद्योग केंद्र में आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ व्यवसाय पंजीकरण प्रमाण पत्र, ऋण स्वीकृति पत्र, GST पंजीकरण, पिछले तीन वर्षों का टर्नओवर और बिजली खपत से संबंधित दस्तावेज़ जमा करने होंगे।

सरकार ने पात्रता के लिए कुछ मानदंड भी तय किए हैं, जिनमें यह आवश्यक है कि इकाई सूक्ष्म श्रेणी में आती हो (अर्थात, प्लांट और मशीनरी में निवेश ₹2.5 करोड़ से कम हो), इकाई हीरा उद्योग से जुड़ी हो और 2023-24 के मुकाबले उसकी बिजली खपत में कम से कम 25% की कमी आई हो। साथ ही, इकाई का पंजीकरण 31 मार्च 2025 से पहले किया गया हो।

राज्य सरकार ने इस योजना के क्रियान्वयन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए जिला स्तरीय अनुमोदन समिति का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता जिला कलेक्टर करेंगे। समिति में जिला श्रम अधिकारी, रोजगार अधिकारी, शिक्षा अधिकारी, अग्रणी बैंक अधिकारी और डायमंड एसोसिएशन के प्रतिनिधि सदस्य होंगे, जबकि जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक सचिव होंगे। यह समिति हर महीने कम से कम दो बार बैठक करेगी।

घोषणा के समय सूरत सर्किट हाउस में राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी, महापौर दक्षेश मावाणी, भाजपा शहर अध्यक्ष परेश पटेल, सांसद मुकेश दलाल, सासंद परभु वसावा, वन एवं पर्यावरण मंत्री मुकेश पटेल, शिक्षा मंत्री प्रफुल पानशेरिया, संदीप देसाई और प्रविण घोघारी भी उपस्थित थे।

इस राहत पैकेज से उम्मीद की जा रही है कि हीरा उद्योग को पुनः स्थिरता मिलेगी और श्रमिकों को भी सामाजिक और आर्थिक संबल प्राप्त होगा।

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