सूरत : फोस्टा की बोर्ड मीटिंग में 170 करोड़ रुपये की 2750 शिकायतों पर हुआ मंथन

बातचीत के जरिए विवाद निपटाने पर जोर, जल्द आएगी प्रतिबंधित व्यापारियों की सूची और नई मैगजीन

सूरत : फोस्टा की बोर्ड मीटिंग में 170 करोड़ रुपये की 2750 शिकायतों पर हुआ मंथन

सूरत। फोस्टा कार्यालय में मंगलवार शाम को आयोजित बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग में कुल 2,750 शिकायतों पर विचार किया गया, जिनकी कुल राशि 170 करोड़ रुपये से अधिक है।

इन शिकायतों को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया पहली, फोस्टा सदस्यों की शिकायतें, और दूसरी, गैर-सदस्यों की। प्राथमिकता के आधार पर पहले सदस्यों की शिकायतों का समाधान किया जाएगा, और बाद में गैर-सदस्यों की शिकायतों पर कार्यवाही की जाएगी।

फोस्टा अध्यक्ष कैलास हाकिम ने जानकारी देते हुए कहा कि अधिकतर विवादों को बातचीत और समझौते के माध्यम से सुलझाया जा सकता है। फोस्टा के अनुसार, करीब 90 प्रतिशत शिकायतें आपसी चर्चा से सुलझ जाती हैं, और संबंधित पक्षों के बीच व्यापारिक संबंध भी पुनः स्थापित हो जाते हैं।

फोस्टा वर्तमान में आर्बिट्रेशन एक्ट के तहत 200 मामलों पर कार्यवाही कर रही है। यदि तीन नोटिस और फोन कॉल के बावजूद भी सामने वाला पक्ष सहयोग नहीं करता, तो फोस्टा की कमेटी सूरत के व्यापारिक समुदाय को सूचित करेगी कि संबंधित व्यापारी को व्यापार से प्रतिबंधित किया जा रहा है।

फोस्टा द्वारा लॉन्च किया गया "फोस्टा फोरम" मोबाइल ऐप व्यापारियों के बीच लोकप्रिय हो रहा है। ऐप के माध्यम से व्यापारी अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं और रेफरेंस सिस्टम को मजबूत बना सकते हैं। सूरत के हजारों व्यापारियों ने यह ऐप डाउनलोड कर सकारात्मक प्रतिसाद दिया है।

फोस्टा जल्द ही अपने ऐप पर ‘सावधान’ नामक कॉलम शुरू करने जा रही है, जिसमें प्रतिबंधित व्यापारियों की सूची प्रकाशित की जाएगी। इसका उद्देश्य व्यापारियों को जोखिम भरे व्यापारिक संबंधों से सावधान करना है।

फोस्टा कपड़ा व्यापार से जुड़ी जानकारी को साझा करने के लिए एक विशेष मासिक मैगजीन भी लॉन्च करने जा रही है। इस पत्रिका में फोस्टा की गतिविधियों के साथ-साथ प्रतिबंधित व्यापारियों की सूची भी प्रकाशित की जाएगी। यह पहल सूरत के कपड़ा व्यापार में पारदर्शिता और सुरक्षा को एक नई दिशा देगी।

फोस्टा की इन पहलों से सूरत के कपड़ा व्यापार में न केवल विवादों का त्वरित समाधान होगा, बल्कि व्यापारियों में विश्वास और पारदर्शिता भी बढ़ेगी। संगठन का उद्देश्य है कि व्यवसायिक वातावरण सुरक्षित और भरोसेमंद बना रहे।