सूरत : अदालत का ऐतिहासिक फैसला, पीड़ित पत्नी को ₹13,000 मासिक गुज़ारा भत्ता और ₹70,000 मुआवजा देने का आदेश
पति और ससुराल वालों की प्रताड़ना के खिलाफ महिला की लड़ाई को मिला न्याय, सुरक्षा प्रदान करने का भी निर्देश
सूरत। घरेलू हिंसा और मानसिक यातना की शिकार एक महिला को आखिरकार न्याय मिला, जब सूरत की न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एस. एन. फाल्कि की अदालत ने एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए पति को पत्नी और बेटियों के भरण-पोषण के लिए प्रति माह ₹13,000 का भुगतान करने का आदेश दिया। साथ ही, ससुराल पक्ष की प्रताड़ना के लिए ₹70,000 का मुआवजा और महिला को सुरक्षा प्रदान करने का भी निर्देश दिया।
कतारगाम, सूरत निवासी वैष्णवी वीघानी (परिवर्तित नाम) का विवाह वर्ष 2002 में सूरत के वेड रोड निवासी दीपक वाघानी से हुआ था। विवाह के बाद उन्हें दो बेटियां हुईं, जो वर्तमान में मां के साथ रहती हैं। प्रारंभिक कुछ वर्षों तक वैवाहिक जीवन सामान्य रहा, लेकिन शीघ्र ही वेश्णवी को पति और ससुराल वालों द्वारा मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा।
पति शराब पीकर मारपीट करता था, चरित्र पर शक करता और ससुराल वाले उसे अपर्याप्त भोजन देते थे। गर्भावस्था के दौरान भी उसे पीटा गया, इलाज नहीं कराया गया और रेफ्रिजरेटर तक ताले में बंद रखा जाता था ताकि वह भोजन न कर सके। आर्थिक समस्याओं से जूझते हुए पति द्वारा लिए गए उधार के कारण घर पर पैसे वसूलने वालों का आना-जाना लगा रहता था।
स्थिति इतनी भयावह हो गई थी कि वर्ष 2013 में वैष्णवी ने आत्महत्या का प्रयास तक किया, लेकिन समय रहते उसे बचा लिया गया। बाद में समझौते के तहत वह फिर से पति के साथ रहने लगी, परंतु अत्याचार और बढ़ गए। 2019 में पति ने दोनों बेटियों सहित वेश्णवी को घर से निकाल दिया।
न्याय की तलाश में वेश्णवी ने अधिवक्ता श्रीमती प्रीति जिग्नेश जोशी के माध्यम से घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत पांचवे एडी कोर्ट में याचिका दायर की। अदालत में अधिवक्ता जोशी ने बताया कि वैष्णवी को लगातार प्रताड़ना झेलनी पड़ी, उसे बार-बार पुलिस और चिकित्सा सहायता लेनी पड़ी और पति उसे सार्वजनिक रूप से पीटने की धमकी देता रहा।
इन सभी तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने यह निर्णय सुनाया कि पति दीपक वाघानी को पत्नी और बेटियों के लिए ₹13,000 मासिक भत्ता देना होगा। साथ ही ससुराल वालों द्वारा की गई हिंसा के लिए ₹70,000 का मुआवजा दिया जाएगा और महिला को उनसे सुरक्षा प्रदान की जाएगी।