सूरत : हीरा उद्योग में बढ़ती आत्महत्याओं पर कांग्रेस चिंतित, रत्न कलाकार कल्याण बोर्ड की स्थापना की मांग

मंदी से जूझ रहे रत्न श्रमिकों के लिए कांग्रेस ने सरकार के सामने रखीं 6 प्रमुख मांगें, कार्रवाई न होने पर विरोध की चेतावनी

सूरत : हीरा उद्योग में बढ़ती आत्महत्याओं पर कांग्रेस चिंतित, रत्न कलाकार कल्याण बोर्ड की स्थापना की मांग

सूरत : हीरा उद्योग की राजधानी माने जाने वाले सूरत में हीरा श्रमिकों (रत्न कलाकारों) की आत्महत्या के बढ़ते मामलों को लेकर कांग्रेस पार्टी ने गंभीर चिंता जताई है और सरकार से रत्न कलाकार कल्याण बोर्ड की तत्काल स्थापना की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि मौजूदा आर्थिक संकट के दौर में रत्न कलाकारों को नजरअंदाज किया जा रहा है, जिससे उनका जीवन स्तर गिरता जा रहा है और कई आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं।

कांग्रेस नेता दर्शन नायक ने कहा कि देश और समाज के हर संकट में योगदान देने वाले रत्न कलाकार आज खुद संकट में हैं। मंदी के चलते हजारों श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं, उन्हें न तो पर्याप्त आर्थिक सहायता मिल रही है और न ही मानसिक सहयोग। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार इस गंभीर विषय को नजरअंदाज कर रही है और अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है।

गुजरात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद शक्तिसिंह गोहिल द्वारा इस मुद्दे को राज्यसभा में भी उठाया जा चुका है, लेकिन अब तक सरकार ने केवल एक समिति बनाने की घोषणा की है, जिसने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

कांग्रेस पार्टी ने सरकार के समक्ष निम्नलिखित 6 मांगें रखी हैं:

  1. रत्न कलाकार कल्याण बोर्ड की त्वरित स्थापना।

  2. रत्न श्रमिकों के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति योजना।

  3. परिवारों को रियायती स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना।

  4. आर्थिक मंदी से जूझ रहे श्रमिकों को कर्ज में राहत देना।

  5. हीरा इकाइयों को बिजली बिल में छूट प्रदान करना।

  6. रत्न कलाकार आवास योजना की शुरुआत।

कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार इन मांगों को शीघ्र नहीं मानती है, तो सूरत शहर जिला कांग्रेस कमेटी रत्न श्रमिकों को साथ लेकर बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेगी। इसके लिए पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।

इस मुद्दे ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि सूरत जैसे औद्योगिक शहरों में श्रमिकों की आर्थिक सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य एक गंभीर प्रश्न बन चुका है, जिसे अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।