सूरत : एसजीसीसीआई परिसर में लहराया 100 फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज
कलेक्टर डॉ. सौरभ पारधी ने किया ध्वजारोहण, चैंबर अध्यक्ष ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को बताया संकल्प और देशभक्ति का प्रतीक
सूरत : दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसजीसीसीआई) परिसर में आज सुबह राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक, 100 फीट ऊंचा विशाल राष्ट्रीय ध्वज स्थापित किया गया।
समहति, सरसाणा स्थित चैंबर के प्रांगण में आयोजित एक गरिमामय समारोह में सूरत के कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट डॉ. सौरभ पारधी ने इस भव्य राष्ट्रीय ध्वज का अनावरण एवं फहराया।
इस अवसर पर चैंबर के अध्यक्ष विजय मेवावाला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम में आतंकवादियों द्वारा निर्दोष नागरिकों की हत्या और महिलाओं के साथ हुए अत्याचार ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है, लेकिन आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर किए गए हवाई हमलों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया।
मेवावाला ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान में आतंकवाद की जड़ पर प्रहार करके विश्व को अपनी बहादुरी का परिचय दिया है। उन्होंने इस ध्वजारोहण को न केवल सैन्य शक्ति, बल्कि राष्ट्र की एकता, संकल्प और देशभक्ति की भावना का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि इसी भावना को अक्षुण्ण रखने के लिए चैंबर परिसर में यह विशाल राष्ट्रीय ध्वज गर्व से स्थापित किया गया है।
सूरत के कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट डॉ. सौरभ पारधी ने एसजीसीसीआई के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि चैंबर परिसर में इस विशाल राष्ट्रीय ध्वज की स्थापना अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रतिदिन इस ध्वज को लहराता हुआ देखकर नागरिकों के हृदय में देशभक्ति और राष्ट्रप्रेम की भावना सदैव जागृत रहेगी और वे हमेशा गर्व की अनुभूति करेंगे।
चैंबर के नवनिर्वाचित अध्यक्ष निखिल मद्रासी के नेतृत्व में इस ध्वजारोहण समारोह का आयोजन किया गया। चैंबर के मानद मंत्री नीरव मंडलेवाला ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर चैंबर के निवर्तमान अध्यक्ष रमेश वघासिया, मानद कोषाध्यक्ष मृणाल शुक्ला, पूर्व अध्यक्षगण, चैंबर के सदस्यगण, उद्यमी, व्यापारी और कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।