गुजराती शोधकर्ता डॉ. भाविषा व्यास ने अंग्रेजी उच्चारण सुधारने की नई तकनीक विकसित कर सफलता प्राप्त की
राजकोट : सौराष्ट्र विश्वविद्यालय के कला (Arts) विभाग के अंग्रेजी भवन से शोधकर्ता डॉ. भाविषा व्यास ने अत्यधिक तकनीकी विषय “Devising a Model for Teaching International Intelligibility to the UG Students of ESL in Gujarat” पर सफलतापूर्वक शोध कार्य Ph.D. संपन्न किया है। यह शोध-कार्य उनके द्वारा अंग्रेजी भवन के वरिष्ठ प्रोफेसर एवं पूर्व कार्यवाहक कुलपति प्रो. डॉ. जयदीप सिंह डोडिया के मार्गदर्शन में पूर्ण गया है।
गुजरात में "फोनेटिक्स [Phontics]" को एक विषय के रूप में चुनना और उस पर अनुसंधान करना अपनेआप में एक दुर्लभ बात है। शोध में छह शहरों (राजकोट, अहमदाबाद, बरोड़ा, जेतपुर, सूरत और भावनगर) के यूजी छात्रों से 216 ऑडियो नमूने लिए गए और प्रत्येक नमूने का कम से कम 10 बार बिना कोई ऑडियो बुनियादी ढाॅ॑चे के गहराई से अध्ययन किया गया।
इस विश्लेषण के दौरान, अंग्रेजी भाषा के short vowels, long vowels, diphthongs और consonant sounds के उच्चारण में अलग-अलग तरीक़े की अशुद्धियाँ और काफी अंतर देखा गया; विशेष रूप से "श" और "स", "ज", और "ज़" जैसी ध्वनियों के उच्चारण और उत्पादन में।
शोध के अंत में, एक AI-आधारित ICT [Information Communication Technology] मॉडल बनाया गया है, जिसमें गेम-आधारित उच्चारण सुधार उपकरण शामिल हैं। यह मॉडल जेनिफर जेनकिंस, डर्विंग-मुनरो, कचरू और बालासुब्रमण्यम जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त शोधकर्ताओं के अध्ययन पर आधारित है।
यह शोध गुजरात में ESL (English as Second Language) शिक्षा के लिए एक नई दिशा प्रदान करेगा और भविष्य में शिक्षा विधियों में व्यापक सुधार करने में सक्षम होगा। यहाॅ॑ यह उल्लेखनीय है कि डॉ. भाविषा व्यास का शैक्षणिक जीवन बहुत ही उज्ज्वल रहा है। उन्होंने सौराष्ट्र विश्वविद्यालय से B. A. (English) और M.A. (English) की डिग्री प्राप्त की हैं। अंग्रेजी की परीक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर स्वर्ण पदक प्राप्त किया है।
इस प्रकार के अद्वितीय और अनूठे शोध के माध्यम से अंग्रेजी भाषा के उन्नयन हेतु शोधकर्ता डॉ. भाविशा व्यास एवं उनके मार्गदर्शक प्रो. डॉ. जयदीप सिंह डोडिया के प्रयासों की शिक्षा जगत में अच्छी सराहना हुई है।