भारत-पाक तनाव के बीच सूरत हवाई क्षेत्र बना वैकल्पिक वैश्विक मार्ग

सिर्फ 7 दिनों में 6,469 विमानों की आवाजाही, सूरत ने एयरोस्पेस नक्शे पर बनाई मजबूत पहचान

भारत-पाक तनाव के बीच सूरत हवाई क्षेत्र बना वैकल्पिक वैश्विक मार्ग

सूरत। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने जहां कूटनीतिक और सामरिक मोर्चे पर चुनौती खड़ी की, वहीं इसका सीधा असर हवाई मार्गों पर भी पड़ा। पाकिस्तान द्वारा अपने हवाई क्षेत्र को बंद किए जाने के बाद, अंतरराष्ट्रीय विमानों को वैकल्पिक मार्ग अपनाने पड़े  जिसमें सूरत का हवाई क्षेत्र एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरा।

4 मई से 10 मई तक के सिर्फ सात दिनों में सूरत के हवाई क्षेत्र से 6,469 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का गुजरना दर्ज किया गया। औसतन प्रति घंटे 39 विमान इस क्षेत्र से होकर गुजरे, जो एक अभूतपूर्व आंकड़ा है। इससे पहले सूरत के हवाई क्षेत्र से प्रतिदिन लगभग 600 से 700 विमानों की आवाजाही होती थी, परंतु अब यह संख्या 1000 के पार पहुंच गई।

विशेष रूप से मंगलवार, बुधवार और शुक्रवार को क्रमशः 981, 1014 और 1008 विमानों का सूरत हवाई क्षेत्र से गुजरना रिकॉर्ड किया गया। शनिवार को यह संख्या थोड़ी कम होकर 840 रही, जो फिर भी औसत से काफी अधिक थी।

भारत द्वारा सुरक्षा कारणों से 22 हवाई अड्डों को अस्थायी रूप से बंद करने के कारण सूरत का हवाई क्षेत्र एक अहम वैकल्पिक मार्ग बन गया। यूरोप, चीन, मलेशिया और खाड़ी देशों की ओर जाने वाली कई उड़ानों ने समुद्र तल से 35,000 से 41,000 फीट की ऊंचाई पर सूरत के ऊपर से उड़ान भरी।

इस असाधारण वृद्धि ने न केवल सूरत के सामरिक महत्व को रेखांकित किया है, बल्कि इसके एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) की दक्षता भी सामने लाई है। मुंबई ATC पर बढ़ते दबाव को कम करने में सूरत ATC ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

गौरतलब है कि इस दौरान सूरत हवाई अड्डे को 24x7 सक्रिय रखा गया, जिससे यह साबित हुआ कि मध्यम आकार का यह शहर भी वैश्विक विमानन व्यवस्था में अहम भूमिका निभा सकता है।

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