सूरत : 180 दिन से अधिक की उधारी पर जीएसटी क्लेम नहीं, पेनल्टी एवं ब्याज भी देना पड़ेगा

एसएमए बैठक में 2025-26 के पहले सत्र में व्यापारियों को दी गई उधारी नियमों की सतर्कता की सलाह

सूरत : 180 दिन से अधिक की उधारी पर जीएसटी क्लेम नहीं, पेनल्टी एवं ब्याज भी देना पड़ेगा

  
सूरत मर्कन्टाइल एसोसिएशन (एसएमए) की 199वीं नियमित साप्ताहिक समस्या समाधान बैठक का आयोजन रविवार सुबह 9:30 से 10:30 बजे तक माहेश्वरी भवन, सीटी लाइट, सूरत के बोर्ड रूम में सफलतापूर्वक किया गया। इस बैठक का नेतृत्व एसएमए प्रमुख नरेन्द्र साबू एवं उनकी पंच पैनल और कोर कमेटी टीम द्वारा किया गया।  

बैठक में कुल 85 व्यापारी सदस्यों की गरिमामयी उपस्थिति रही। बैठक में प्राप्त 11 आवेदन पत्रों पर समस्या समाधान हेतु सुनवाई की गई, जिनमें से 2 मामलों का त्वरित समाधान आपसी संवाद से किया गया, जबकि शेष मामले पंच पैनल एवं लीगल टीम को सौंप दिए गए हैं, जिन्हें नियमानुसार हल किया जाएगा।  

बैठक की शुरुआत में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ और उसके भारतीय टेक्सटाइल उद्योग पर प्रभाव को लेकर व्यापक विचार-विमर्श किया गया। निष्कर्ष स्वरूप यह स्पष्ट किया गया कि  अन्य देशों की तुलना में भारत पर टैरिफ का प्रभाव नगण्य रहेगा। भारत का एक्सपोर्ट प्रभावित नहीं होगा, बल्कि उसमें वृद्धि की संभावना जताई गई। भारत की 140 करोड़ की विशाल जनसंख्या के चलते घरेलू बाजार पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा।

इस बैठक के साथ वित्तीय वर्ष 2025-26 की शुरुआत भी हुई। इस अवसर पर सभी व्यापारियों को नववर्ष की शुभकामनाएं दी गईं। बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि 120 दिन से अधिक की उधारी न दी जाए। साथ ही बताया गया कि यदि कोई पार्टी 180 दिन या उससे अधिक समय में भुगतान करती है, तो ऐसे लेन-देन पर GST क्लेम नहीं किया जा सकता, और उस पर पेनल्टी एवं ब्याज भी लगता है, जिसकी कोई सुनवाई नहीं होती। ऐसे में सदस्यों से आग्रह किया गया कि वे ऐसी पार्टियों से व्यापार करते समय सतर्क रहें।

बैठक का समापन स्वादिष्ट अल्पाहार के साथ हुआ, जिससे उपस्थित व्यापारियों को आपसी मेलजोल और संवाद का अवसर मिला। इस बैठक में एसएमए परिवार के अशोक गोयल, राजीव उमर, महेश पाटोदिया, दुर्गेश टिबडेवाल, मनोज अग्रवाल, राजेश गुरनानी, संदीप अग्रवाल, रामकिशोर बजाज, संजय अग्रवाल, अरविंद जैन, अनिल भाऊवाला, घनश्याम माहेश्वरी, विजय कोटरीवाल समेत कई वरिष्ठ सदस्य उपस्थित रहे। एसएमए की यह बैठक न केवल व्यापारिक विवादों के समाधान का मंच बनी, बल्कि वर्तमान आर्थिक परिदृश्य पर चिंतन और सामूहिक दिशा तय करने की प्रेरणा भी बनी।

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