सूरत : सेवा और भक्ति का संदेश देता है हनुमान जन्मोत्सव : राजेश भारूका
"प्रभाव नहीं, स्वभाव से जीतते हैं हनुमान जी", भक्ति, सुमिरन और निराभिमानता से प्रेरित जीवन का संदेश
हनुमान जन्मोत्सव के पावन अवसर पर समाजसेवी और विचारक राजेश भारूका ने कहा कि भगवान हनुमान जी का जीवन स्वयं में सेवा और भक्ति की पराकाष्ठा है। उन्होंने कहा कि संकटमोचन हनुमान न केवल शक्ति और भक्ति के प्रतीक हैं, बल्कि निःस्वार्थ सेवा, सहजता और निराभिमानिता से जीवन जीने की प्रेरणा भी देते हैं।
राजेश भारूका ने अपने संदेश में कहा, "प्रभु श्रीराम के अनन्य सेवक हनुमान जी को जैसे ही रामकाज का संदेश मिला, उन्होंने विचार करना भी छोड़ दिया। केवल कार्य, समर्पण और सेवा में लग गए।" यह गुण बताता है कि सेवा ही वह मार्ग है जिससे न केवल समाज, बल्कि ईश्वर को भी जीता जा सकता है।
उन्होंने कहा कि हनुमान जी के स्वभाव में शक्ति है, पर अभिमान नहीं, और यही उनके चरित्र की सबसे बड़ी विशेषता है। उन्होंने अपने हृदय में भगवान श्रीराम और माता सीता का साक्षात दर्शन कराया, जो एक भक्त के लिए सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। उनकी भक्ति और समर्पण का स्मरण करते हुए राजेश भारूका ने सभी सनातन धर्मावलंबियों को हनुमान जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने कहा कि “हनुमान जी हमें सिखाते हैं कि प्रभाव से नहीं, स्वभाव से किसी को जीता जाता है।" आज के युग में जहां स्वार्थ और अहंकार हावी हैं, वहां हनुमान जी का जीवन-दर्शन प्रेरणा और दिशा देने वाला है। हनुमान जन्मोत्सव के इस अवसर पर पूरे देश और विश्व में भक्तों द्वारा पूजा-अर्चना, सुंदरकांड पाठ, भजन संध्याएं और सेवा कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। यह दिन हमें न केवल धार्मिक आस्था से जोड़ता है, बल्कि जीवन में सच्ची सेवा और भक्ति का महत्व भी सिखाता है।