अहमदाबाद : 'महिला का अपने शरीर पर पूरा अधिकार', गुजरात हाई कोर्ट ने रेप पीड़िता को गर्भपात की इजाजत दी

गर्भपात कराना या न कराना महिला का निर्णय हो सकता है

गुजरात उच्च न्यायालय ने 26 वर्षीय बलात्कार पीड़िता की गर्भपात की याचिका पर सुनवाई की। जिसमें रेप पीड़िता 17 सप्ताह से अधिक की गर्भवती है और मेडिकल रिपोर्ट सामान्य है, उसने गर्भपात कराने का इरादा जताया है। विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा मेडिकल जांच के बाद गुजरात हाई कोर्ट ने पीड़िता को गर्भपात कराने की इजाजत दे दी है। गुजरात हाई कोर्ट ने कहा कि एक महिला को अपने शरीर पर पूरा अधिकार है। गर्भपात कराना या न कराना महिला का निर्णय हो सकता है।

अहमदाबाद के सोला हाई कोर्ट पुलिस स्टेशन में बीएनएस एक्ट 64(2) (एम) और 127 (4) के तहत अपराध दर्ज किया गया था। गत रोज पीड़िता अपने वकील के साथ हाईकोर्ट में पेश हुई और कोर्ट के सामने उसकी पहचान की गई। इस बीच पीड़िता ने कोर्ट के सामने गर्भपात कराने की मंशा जाहिर की। इस मामले में कोर्ट ने सोला सिविल अस्पताल को मेडिकल जांच करने का निर्देश दिया। जिसमें कहा गया कि चिकित्सा अधीक्षक, वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ समेत विशेषज्ञ डॉक्टर युवती का मेडिकल परीक्षण करेंगे। इस संबंध में मंगलवार को हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया गया है।

सोला सिविल अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा मेडिकल जांच के बाद रिपोर्ट सामान्य आई है। मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक युवती 17 हफ्ते 4 दिन की गर्भवती है। इसलिए हाई कोर्ट ने पीड़िता को गर्भपात कराने की इजाजत दे दी है। इसके साथ ही भ्रूण के ऊतकों के डीएनए को आरोपी के खिलाफ साक्ष्य के रूप में संरक्षित करने के लिए एफएसएल को भेजने का भी निर्देश दिया गया।

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