गांधीनगर : स्थानीय स्तर पर हल हो समस्याएं, गांधीनगर तक लोगों को नहीं आना पड़े : मुख्यमंत्री
ग्राम, तहसील और जिला स्वागत में प्रस्तुत कुल 55 फीसदी समस्याओं का हुआ निवारण
गांधीनगर, 24 अक्टूबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य के जिला कलेक्टरों और जिला विकास अधिकारियों (डीडीओ) से कहा कि आम जनों की अधिकतर शिकायतों और समस्याओं का निराकरण तहसील और जिला स्तर पर ही आ जाता है, इसलिए उन्हें राज्य स्तरीय ‘स्वागत’ (स्टेट वाइड अटेंशन ऑन ग्रिवेंसेस बाई एप्लीकेशन ऑफ टेक्नोलॉजी) कार्यक्रम तक नहीं आना पड़ता। अब यह सुनिश्चित करना भी हमारा कर्तव्य है कि यह व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ बनें, ताकि नागरिकों को अपनी समस्याएं लेकर गांधीनगर न आना पड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि स्थानीय प्रशासन ही भूमि संबंधित किसान सत्यापन प्रमाण पत्र हासिल करने और सार्वजनिक सड़कों पर हुए अतिक्रमण को हटाने जैसी समस्याओं का निराकरण जिला ‘स्वागत’ में कर दे, तो आम जनता एवं ग्रामीण किसानों को गांधीनगर में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय ‘स्वागत’ में आने की आवश्यकता ही नहीं होगी। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुरुवार को गांधीनगर में जनशिकायत निवारण के ऑनलाइन कार्यक्रम राज्य स्तरीय ‘स्वागत’ में पहुंचे आवेदकों की समस्याएं सुनी और उनके त्वरित एवं उचित निवारण के लिए कलेक्टरों और जिला विकास अधिकारियों सहित संबंधित विभागों को निर्देश दिए। गुरुवार को हुए इस राज्य स्तरीय ‘स्वागत’ में मुख्यमंत्री के समक्ष शहरी विकास, राजस्व, सड़क एवं भवन, नर्मदा प्रभावितों के भूमि अधिग्रहण का मुआवजा और अवैध निर्माण हटाने जैसे विषयों से संबंधित मुद्दे रखे गए। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने जिला प्रशासन से अवैध निर्माण और भूमि पैमाइश में त्रुटि जैसे मामलों में सख्ती से कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए।
प्रतिमाह चौथे गुरुवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में नियमित रूप से आयोजित होने वाले ऑनलाइन जनशिकायत निवारण के राज्य स्तरीय कार्यक्रम ‘स्वागत’ की गुरुवार की कड़ी में 12 समस्याएं प्रस्तुत की गईं। अक्टूबर महीने के दौरान राज्य, जिला, तहसील और ग्राम स्वागत में प्रस्तुत की गईं कुल 2732 समस्याओं में से 54.76 फीसदी का सुखद निवारण किया गया है। इस राज्य ‘स्वागत’ में गांधीनगर से मुख्यमंत्री के दोनों अपर मुख्य सचिव पंकज जोशी और एम.के. दास, मुख्यमंत्री की सचिव अवंतिका सिंह और मुख्यमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे। वहीं, जिलों के कलेक्टर, डीडीओ और जिला प्रशासन के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सहभागी हुए।