सूरत : वाछाणी परिवार ने देहदान-नेत्रदान के सर्वोत्तम दान की परंपरा को सार्थक किया
परिवार के कांतिभाई वाछाणी ने डॉ. प्रफुलभाई शिरोया से संपर्क कर माता के देहदान-नेत्रदान की अंतिम इच्छा पूरी की
वाछाणी परिवार ने देहदान एवं नेत्रदान के सर्वोत्तम दान की परंपरा को सार्थक किया। इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी चौरासी ब्रांच, लायंस क्लब ऑफ सूरत-ईस्ट और रोटरी क्लब ऑफ सूरत-ईस्ट की जागरूकता से वाछाणी परिवार का देहदान-नेत्रदान प्राप्त हुआ।
राजकोट के उपलेटा तालुका के मेरडट गांव के मूल निवासी वाछाणी परिवार वर्तमान में 203 धर्मराज अपार्टमेंट, त्रिकमनगर, एलएच रोड सूरत में रहता है। शांताबेन पोपटभाई वाछाणी (उम्र 104 वर्ष) की मृत्यु के बाद परिवार के कांतिभाई वाछाणी ने डॉ. प्रफुलभाई शिरोया से संपर्क कर माता के देहदान-नेत्रदान की अंतिम इच्छा पूरी की।
परिवार के चंदूभाई, जोशना बेन, केशवलाल, प्रभाबेन, कांति भाई, अलकाबेन, लीलाबेन माकेडिया, कालिदास माकेडिया की सहमति से वडोदरा की पाटुला मेडिकल कॉलेज को अर्पित किया गया।
लायंस क्लब ऑफ सूरत-ईस्ट के अश्विनभाई पटेल, दिनेशभाई जोगाणी और समाज के कई प्रमुख व्यक्तियों ने उपस्थित रहकर वाछाणी परिवार के इस कार्य की सराहना की और श्रद्धांजलि अर्पित की। देहदान अर्पण करते समय निलेशभाई, रमीलाबेन, अनिलभाई, टीनाबेन, परेशभाई, कल्पेशभाई एवं प्रज्ञाबेन ने भी दादी को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित की।