सूरत : बांग्लादेश में अराजकता का असर भारत का कारोबार को प्रभावित कर सकता है
जानिये क्या कहना है सूरत के प्रबुद्ध कारोबारियों का
बांग्लादेश में तख्तापलट हो गया है। बांग्लादेश में जारी भारी हिंसा और राजनीतिक संकट के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है। शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में अराजकता जैसी स्थिति पैदा हो गई है। प्रदर्शनकारी देश में जगह-जगह तोड़फोड़ कर रहे हैं। आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर होने की उम्मीद है। अगर पड़ोसी देश में हालात और खराब होते हैं तो भारत पर भी इसका असर पड़ सकता है क्योंकि दोनों देशों के बीच काफी बड़ा करोबार होता है। आइए जानते हैं कि बांग्लादेश में बदले हालात का भारत पर क्या असर हो सकता है।
इस संदर्भ में जीएफआरआरसी के चेयरमैन गिरधर गोपाल मूंदड़ा से कहा कि भारत बांग्लादेश से विभिन्न सामानों का आयात करता है। बांग्लादेश से भारत में आयात किए जाने वाले उत्पादों में तैयार वस्त्र, वस्त्र, जूट और जूट के सामान, चमड़े के सामान और कृषि उत्पाद जैसे फल, सब्जियां और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के कपड़ा और परिधान उद्योग दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। भारत प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण और गुणवत्ता के कारण बांग्लादेश से तैयार वस्त्र, वस्त्र और बुना हुआ कपड़ा का एक महत्वपूर्ण मात्रा में आयात करता है।
बांग्लादेश उपमहाद्वीप में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और भारत दूसरा सबसे बड़ा निर्यात साझेदार है। भारत ने वित्त वर्ष 23 में बांग्लादेश को 6,052 वस्तुओं का निर्यात किया। वित्त वर्ष 23 में भारत का बांग्लादेश को निर्यात 12.20 बिलियन अमेरिकी डॉलर और वित्त वर्ष 22 में 16.15 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा। भारत से बांग्लादेश को सूती धागा, पेट्रोलियम उत्पाद, अनाज और सूती कपड़े प्रमुख रूप से भेजे जाते हैं। भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापारिक संबंध और मजबूत हुए हैं। इसका प्रमाण इसी बात से मिलता है कि दोनों देशों के बीच भारतीय रुपये में ट्रेड हुआ है।
मामला लंबा चलता है तो जरूर असर देखने को मिलेगा : कमल विजय तुलस्यान
प्रबुद्ध कपड़ा उद्यमी कमल विजय तुलस्यान बताया कि भारत में आरजकता फैलने का फौरी असर तो भारतीय कारोबारियों पर कुछ नहीं होगा। हालांकि, अगर यह मामला लंबा चलता है तो जरूर असर देखने को मिलेगा। बांग्लादेश से आने वाली आयातित सामान महंगे हो जाएंगे।