सूरत : किसी भी काम को सम्मान और मन से किया जाए तो संतुष्टि और सफलता दोनों मिलती है :  कानजी भालाला

इंसान कर्म को नहीं, कर्म ही इंसान को महान बनाता है :  भीखाभाई खूंट

सूरत : किसी भी काम को सम्मान और मन से किया जाए तो संतुष्टि और सफलता दोनों मिलती है :  कानजी भालाला

कोई भी काम छोटा नहीं होता, कड़ी मेहनत से ही कूड़े में से सोना निकालती है

  श्री सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज की ओर से हर गुरुवार को प्रगतिशील समाज के निर्माण के लिए विचारों का रोपण किया जाता है। गुरुवार 13/06/2024  को वराछा बैंक सभागार में आयोजित 65वें थर्सडे-थॉर्ट कार्यक्रम में संस्था के अध्यक्ष कानजीभाई भालाला ने कहा कि यह महत्वपूर्ण नहीं है कि कोई व्यक्ति कौन सा कार्य करता है बल्कि यह महत्वपूर्ण है कि वह उस कार्य को कितने मन से करता है यह अधिक महत्वपूर्ण। काम को लेकर लोगों के मन में 
धारणाएं होते हैं। दरअसल काम कोई बड़ा या कोई छोटा नहीं है। उन्होंने एक नया आइडिया दिया और कहा कि कोई भी काम छोटा नहीं होता, मेहनत ही कूड़े में से सोना लाती है। कचरा संग्रहण या पृथक्करण आम बात नहीं है। पूरे दिन कचरा एकत्रित कर उसके अलग कर उसका विक्रय कर जीविकोपार्जन करने वाला हरेशभाई दुधात का परिवार इतनी कड़ी मेहनत के बाद भी एक खुशहाल जीवन जीता है।  इसी बात को ध्यान में रखते हुए कहा कि अगर काम को सम्मान और मन से किया जाए तो संतुष्टि और सफलता दोनों मिलती है। व्यावसायिक सफलता के लिए कहा जाता है कि व्यावसायिक सफलता के लिए केवल दो ही विकल्प हैं। वह करें जो आपको पसंद है या जो काम है उसे ही करें।  D13062024-15

  इस अवसर पर कचरा प्रबंधन की ज्वायंट कंपनी डी.एच पटेल के चेयरमैन भीखाभाई के. खूंट और उनकी धर्मपत्नी जसुबेन विशेष रूप से उपस्थित थे। कलकत्ता नगर निगम में एक प्रमुख कचरा प्रबंधन ठेकेदार है और सूरत शहर में हजारों टन कचरे के निपटान के लिए करोड़ों रुपये का ठेका लेने वाले  डी.एस. पटेल एंड कंपनी के भीखाभाई के. पटेल ने कहा कि सूरत शहर में हर दिन 2000 टन से ज्यादा कचरा इकट्ठा होता है। उस कचरा प्रबंधन का कार्य हमारी कंपनी द्वारा किया जाता है। कोई भी व्यवसाय छोटा या साधारण नहीं होता। उस काम को करने की आपकी मानसिकता ज्यादा महत्वपूर्ण है। सूरत में कचरा प्रबंधन के लिए सूरत नगर निगम के साथ अगले 10 वर्षों के लिए समझौता किया गया है। यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है। उन्होंने युवाओं को सफलता का मंत्र देते हुए कहा कि इंसान कर्म को नहीं बल्कि कर्म ही इंसान को महान बनाता है।

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