सूरत : बढ़ती गर्मी के बीच सिविल अस्पताल ने तैयार किया हीटवेव एक्शन प्लान, लोगों को ऐसे बचाएगा गर्मी से!

लू से बचाव के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाया गया, नर्सों को दी जा रही है विशेष ट्रेनिंग

सूरत : बढ़ती गर्मी के बीच सिविल अस्पताल ने तैयार किया हीटवेव एक्शन प्लान, लोगों को ऐसे बचाएगा गर्मी से!

सूरत शहर में लगातार बढ़ते तापमान और लू के प्रकोप को देखते हुए, सूरत के सिविल अस्पताल ने हीटवेव एक्शन प्लान तैयार किया है। इस प्लान का मकसद लोगों को तीव्र गर्मी और लू से बचाना है।

न्यू सिविल अस्पताल में बढ़ते तापमान को देखते हुए, विशेष तैयारियां की गई हैं। अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है, जहां लू से प्रभावित मरीजों का इलाज किया जाएगा। इसके अलावा, नर्सों को लू से बचाव और मरीजों की देखभाल के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

राष्ट्रीय मौसम विभाग के अनुसार, किसी भी तटीय शहर में 37 डिग्री तक का तापमान सामान्य माना जाता है। लेकिन जब तापमान 37 डिग्री से अधिक हो जाता है, तो यह चिंता की बात हो जाती है। पिछले कुछ सालों में, सूरत का तापमान लगातार बढ़ रहा है। 2004 में, सूरत में 44.44 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था, जो अब तक का सबसे अधिक तापमान है। पिछले दो-तीन सालों में, 42 डिग्री सेल्सियस तापमान आम हो गया है।

हीटस्ट्रोक का खतरा बढ़ा

बढ़ते तापमान के कारण, सूरतवासियों में हीटस्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है। हीटस्ट्रोक एक गंभीर स्थिति है जो शरीर के तापमान में तेजी से वृद्धि का कारण बनती है। इससे कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, यहां तक ​​कि मृत्यु भी हो सकती है।

सिविल अस्पताल में तैयारियां

हीटस्ट्रोक के खतरे को देखते हुए, सिविल अस्पताल में कई तरह की तैयारियां की गई हैं। अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में पानी और ओआरएस का भंडारण किया गया है। मरीजों को ठंडा रखने के लिए पंखे और कूलर भी लगाए गए हैं।

लोगों को सतर्क रहने की सलाह

सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने लोगों को तीव्र गर्मी और लू से बचने के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे:

  • गर्मी के दौरान बाहर निकलने से बचें
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं
  • हल्के और ढीले कपड़े पहनें
  • छाता या टोपी का इस्तेमाल करें
  • ठंडे पानी से नहाएं
  • नमकीन और मीठा पेय पदार्थों का सेवन करें
  • बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों का ध्यान रखें

अगर आपको हीटस्ट्रोक के लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे कि चक्कर आना, सिरदर्द, तेज बुखार, मांसपेशियों में ऐंठन, या भ्रम, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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