अहमदाबाद : 14 दिन के रिमांड पर भेजे गए गुजरात एटीएस की कार्रवाई में पकड़े गए चार आतंकी

पाकिस्तानी हैंडलर के सम्पर्क में थे चारों, आत्मघाती हमले के लिए भी थे तैयार

अहमदाबाद : 14 दिन के रिमांड पर भेजे गए गुजरात एटीएस की कार्रवाई में पकड़े गए चार आतंकी

गुजरात में निकलने वाली जगन्नाथ यात्रा से पहले सुरक्षा एजेंसी को बड़ी सफलता

अहमदाबाद, 20 मई (हि.स.)। अहमदाबाद हवाई अड्डे पर पकड़े गए चार आतंकियों को अहमदाबाद मेट्रो कोर्ट ने 14 दिन के रिमांड पर भेज दिया है। इन चारों आतंकियों को रविवार शाम 8 बजे अहमदाबाद हवाईअड्डे पर पकड़ा गया था। गुजरात के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विकास सहाय ने सोमवार को इन आतंकियों के बारे में प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी साझा की। गुजरात में निकलने वाली जगन्नाथ यात्रा से पहले आतंकियों की गिरफ्तारी को बड़ी सफलता मानी जा रही है।

डीजीपी विकास सहाय ने बताया कि चारों आतंकी पाकिस्तानी हैंडलर अबु के सम्पर्क में थे जिसके इशारे पर यह किसी बड़ी आतंकी हमला के फिराक में थे। आतंकियों के मोबाइल से मिली जानकारी के आधार पर गांधीनगर के निकट नाना चिलोडा से तीन लोडेड पिस्तौल जिसमें दो में 7-7 राउण्ड और एक में 6 राउण्ड मिलाकर कुल 20 राउण्ड गोली रीकवर किया गया। साथ ही पिस्तौल के साथ एक झंडा मिला है, जो प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन आईएसआईएस का है। इसके अलावा आतंकियों के पास से दो मोबाइल, 4 पासपोर्ट, भारत और श्रीलंका के रुपये मिले हैं। मोबाइल में भी आईएसआईएस के झंडे मिले।

डीजीपी विकास सहाय ने बताया कि 18 मई को गुजरात एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) के पुलिस उपाधीक्षक हर्ष उपाध्याय को सूचना मिली थी कि श्रीलंकाई नागरिक मोहम्मद नुसरथ, मोहम्मद नफरान, मोहम्मद रसद्दीन और मोहम्मद फारिस 18 या 19 मई को अहमदाबाद आने वाले हैं और भारत में किसी आतंकी घटना को अंजाम देंगे। यह सभी इस्लामिक स्टेट ऑफ़ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) की विचारधारा को स्वीकार कर चुके हैं। इस सूचना के आधार पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जानकारी साझा कर इन्हें पकड़े की योजना बनाई गई। इसके तहत दक्षिण भारत की ओर से आने वाली सभी ट्रेनों और फ्लाइट के यात्रियों का विश्लेषण किया गया। इस दौरान एक ही पीएनआर में इन चारों का नाम अहमदाबाद आने वाली फ्लाइट में मिल गया। इन यात्रियों के बारे में अन्य एजेंसी की मदद से कोलंबो से भी वैरिफाइ किया गया। इसके बाद अहमदाबाद हवाईअड्डे पर एटीएस की टीम निगरानी में जुट गई। 19 मई की सुबह सभी आरोपित चेन्नई पहुंचे और यहां से इंडिगो की 8486 नंबर की फ्लाइट से शाम 8 बजे अहमदाबाद पहुंचे। अहमदाबाद हवाईअड्डे पर बाहर आते के साथ एटीएस ने इन्हें पकड़ लिया।

चारों आतंकी तेलगु भाषी हैं और आपस में सम्पर्क के लिए प्रोटोन मेल का उपयोग कर रहे थे। इस वजह से इनसे पूछताछ के लिए ट्रांसलेटर का इस्तेमाल किया गया। पूछताछ में पता चला कि यह सभी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के सक्रिय सदस्य हैं और अबु बकर अल बगदादी के अनुयायी हैं। इनका हैंडलर अबु पाकिस्तानी है। अबु के कहने पर यह चारों आतंकी सुसाइड बम बनने को भी राजी थे। हैंडलर अबु ने उन्हें बताया था कि हथियार का फोटो, हथियार छुपाने की जगह का लोकेशन और फोटो उन्हें प्रोटोन ड्राइव और प्रोटोन मेल पर शेयर किया जाएगा। जहां से उन्हें हथियार लेना है। इसके बाद हथियार का उपयोग किस जगह और किसे टार्गेट करना है, इसकी जानकारी दी जाएगी। इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने तय लोकेशन पर जाकर तलाशी ली।

नाना चिलोडा से मिले हथियार : जानकारी के आधार पर एटीएस ने नाना चिलोडा के समीप सड़क किनारे से तीन पिस्तौल बरामद किए, जोकि लोडेडे थे। इसमें दो पिस्तौल की मैग्जिन में 7-7 राउण्ड और एक में 6 मैग्जिन मिलाकर कुल 20 राउण्ड गोली रीकवर किया गया। गोलियों पर एफएटीए लिखा था। फरवरी 2024 में वे पाकिस्तान में मौजूद अबु के सम्पर्क में आए थे। आतंकियों के मोबाइल की जानकारी के आधार मिले पिस्तौल के बारे में प्राथमिक जानकारी के अनुसार 3 पिस्तौल नॉरिनको टाइप 54 मॉडल और एम्यूनेशन पाकिस्तान के पूर्व फेडेरली एडमिनिस्ट्रेटेड ट्राइबल एरिया (एफएटीए) में बनाने की जानकारी मिली है। सर्च के दौरान एक ब्लैक फ्लैग मिला जो प्रतिबंधित आईएसआईएस का है। एक आतंकी मोहम्मद नुसरथ पाकिस्तान का वास्तविक वीजा धारक भी है। चारों आतंकियों के मोबाइल फोन से मिले साक्ष्य और हथियारों के बारे में उन्होंने बताया कि वे श्रीलंकन रेडीकल मिलिटंट आउटफीट नेशनल तौहिथ जमात (एनटीजे) के सदस्य थे। इस संगठन को श्रीलंका की सरकार ने इस्टर बॉम्बिंग के बाद प्रतिबंधित कर दिया था।

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