मां-बहन की हत्या का आरोपित अहमदाबाद से गिरफ्तार

आरोपित सुरेश चौधरी के अहमदाबाद रहने वाले बड़े भाई रमेश चौधरी की दो दिनों तक अपनी मां और बहन से बातचीत नहीं हुई

मां-बहन की हत्या का आरोपित अहमदाबाद से गिरफ्तार

अहमदाबाद/पाली, 1 अप्रैल (हि.स.)। राजस्थान के पाली जिले में मां बहन की निर्मम हत्या करने के मामले में पुलिस ने आरोपित को अहमदाबाद से गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में आरोपित सुरेश चौधरी ने बताया कि पत्नी उसे मां और बहन के कारण छोड़कर चली गई थी। जिससे वह काफी परेशान था। रोज-रोज के झगड़ों से परेशान होकर उसने अपनी मां और बहन को मार दिया। सदर थाना क्षेत्र के भालेलाव गांव की मां-बेटी की हत्या कर शव खेत में दफना दिए थे। मां-बेटी 25 मार्च से लापता थीं। 28 मार्च दोपहर करीब डेढ़ बजे जेसीबी से खेत में सात फीट गहरा गड्ढा खोदकर 55 साल की पानीदेवी और 30 साल की कविता का शव बाहर निकाला गया।

सीओ पाली ग्रामीण रतनाराम देवासी ने बताया कि आरोपित 33 साल के सुरेश चौधरी की पत्नी इस साल दो-तीन महीने उसके साथ रही। मां-बहन उसकी पत्नी से झगड़ते थे। इससे परेशान होकर उसने महाराणा प्रताप सर्किल के पास किराए पर कमरा लिया। लेकिन उसकी मां और बहन के व्यवहार से परेशान होकर उसकी पत्नी उसे छोड़कर चली गई। इसके लिए वह अपनी मां और बहन को जिम्मेदार मानता था। 23 मार्च को दोपहर करीब दो बजे आरोपित भालेलाव के निकट स्थित अपने खेत में बने मकान पर पहुंचा। जहां चौक में उसकी मां और कमरे में उसकी बहन सो रही थी। गुस्से में आरोपित ने पहले अपनी मां के सिर पर लोहे के सरिया से वार कर उसकी हत्या कर दी। फिर कमरे में जाकर बहन को मौत के घाट उतार दिया। दोनों के शव कमरे में रखने के बाद आरोपित पाली शहर आया और जेसीबी किराए पर लेकर खेत पर पहुंचा और चार गढ्ढे खुदवाए। उसके बाद कमरे पर ताला लगाकर चला गया। 24 मार्च की सुबह आरोपित वापस खेत पर पहुंचा। मां और बहन के शव गड्ढे में दफना दिया।

आरोपित सुरेश चौधरी के अहमदाबाद रहने वाले बड़े भाई रमेश चौधरी की दो दिनों तक अपनी मां और बहन से बातचीत नहीं हुई। इस पर वह अहमदाबाद से भालेलाव गांव के लिए रवाना हुआ। उसके आने पर राज खुलने के डर से आरोपित सुरेश चौधरी फरार हो गया। मां और बहन के गहने भी दोस्त के पास गिरवी रख दिए। अपना फोन बंद कर लिया। रमेश ने पाली आकर सदर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। कमरे में खून के छीटें देख पुलिस को सूचना दी। सदर थाना पुलिस ने एसपी चूनाराम जाट के नेतृत्व में जांच की। इसके बाद गड्डों की खुदाई की तो उसमें 55 साल की पानीदेवी चौधरी और उसकी 30 साल की बेटी कविता की का शव मिला। घटना को लेकर रमेश ने अपने छोटे भाई सुरेश चौधरी पर मां और बहन की हत्या कर शव दफनाने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दी थी।

सदर थाने के एसएचओ अनिल कुमार ने बताया कि आरोपी की तलाश में चार टीमें गठित की। जो मारवाड़ जंक्शन, पाली, बिलाड़ा और एक टीम अहमदाबाद आरोपित की तलाश में गई थी। अहमदाबाद में आरोपित पहले काम कर चुका था। आरोपित सुरेश चौधरी पुत्र पेमाराम सीरवी को अहमदाबाद में मिलने पर पुलिस उसे दस्तयाब कर सदर थाने लेकर आई। पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूला। आरोपित ने पुलिस पूछताछ में मां और बहन की हत्या करना स्वीकार किया। जिसमें बताया कि वह अपनी बहन के चरित्र पर शक करता था। इसके साथ उसकी बहन और मां के कारण उसकी पत्नी छोड़कर उसे चली गई। बहन की वापस आटा-साटा में वह शादी करवाना चाहता था। जिससे फिर से उसका भी घर बस जाए और बहन का भी घर बस जाए। लेकिन उसकी मां और बहन इसके लिए राजी नहीं हो रहे थे। पानी देवी के पति पेमाराम सीरवी की मौत हो चुकी है। तलाकशुदा बेटी कविता मां के पास ही रहती थी। बड़ा बेटा सुरेश भी साथ ही रहता था। वह शराब पीने का आदी था। जबकि छोटा बेटा रमेश अहमदाबाद (गुजरात) में मजदूरी करता है।

एसपी चूनाराम ने बताया कि खेत में जेसीबी से सात फीट गहरा गड्ढा खोदा गया था। वहां से भालेलाव गांव निवासी पानी देवी (55) पत्नी पेमाराम सीरवी और उसकी बेटी कविता (30) के शव निकाले हैं। पानी देवी के छोटे बेटे रमेश ने 25 मार्च को सदर थाने में दोनों के गुम होने की शिकायत दी थी। पानी देवी का बड़ा बेटा सुरेश गायब है। पुलिस सुरेश की तलाश कर रही है। सुरेश और उसकी छोटी बहन कविता की शादी करीब 15 साल पहले आटा-साटा में हुई थी। सुरेश के चाल चलन को देखते हुए उसके ससुराल वालों ने उसकी पत्नी को नहीं भेजा, लेकिन कविता को जबरदस्ती ले गए। पति से परेशान होकर कविता ने भी तीन साल पहले पति को छोड़ दूसरे युवक से नाता विवाह कर लिया। लेकिन वहां पति के बच्चों से उसकी नहीं बनी तो वह अपने पीहर भालेलाव मां के पास आ गई। लेकिन बहन का पीहर में रहना सुरेश की आंख में खटकने लगा। नशे में आए दिन मां-बहन से वह गाली-गलौज और मारपीट करता था। इससे दोनों परेशान थीं। सुरेश चाहता था कि उसकी बहन की शादी फिर से आटा-साटा में कर दी जाए। जिससे कि उसका घर बस जाए और कविता भी पीहर से ससुराल जा सके। लेकिन कविता और उसकी मां पानीदेवी फिलहाल इसको लेकर राजी नहीं थी। इससे वह दोनों मां-बेटी से नाराज था।

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