सूरत : सिविल अस्पताल में चलने में असमर्थ वृद्ध की मुफ्त सर्जरी के बाद चलने लगे

निजि अस्पातल में दो से ढाई लाख रुपये सर्जरी का खर्च था, सिविल अस्पताल में मुफ्त में हुई सर्जरी

सूरत : सिविल अस्पताल में चलने में असमर्थ वृद्ध की मुफ्त सर्जरी के बाद चलने लगे

सूरत सिविल अस्पताल में मुफ्त सर्जरी के बाद  7 साल से चलने में असमर्थ नाना पाटिल अब चलने में सक्षम है। 61 वर्षीय नाना आधार पाटिल महाराष्ट्र के जलगांव जिले के जामनेर के मोहाडी गांव के रहने वाले हैं। पिछले सात साल से वे जांघ में असहनीय दर्द से पीड़ित थे और चलने में असमर्थ थे। निजी अस्पताल में सर्जरी करवाने का खर्च उनके लिए बहुत भारी था।

नाना पाटिल के गांव के मूल निवासी और सामाजिक नेता राम पाटिल और भाविनी पाटिल ने उन्हें बताया कि सूरत के नए सिविल अस्पताल में कमर का इलाज मुफ्त किया जाता है। उन्होंने तुरंत नर्सिंग एसोसिएशन के इकबाल कड़ीवाला से संपर्क किया और मरीज को 1 मार्च को सिविल में भर्ती कराया गया।

हड्डी विभाग के अध्यक्ष डॉ. हरि मेनन के मार्गदर्शन में डॉ. स्वप्निल नागले, डॉ. नितिन चौधरी की टीम द्वारा 18 मार्च को जांख की गेंद को बदलने की सफल सर्जरी की गई। सर्जरी के बाद नाना पाटिल वॉकर के सहारे चल रहे हैं। वे कहते हैं, "सिविल डॉक्टरों ने मुझे असहनीय दर्द से राहत दिला दी है। मैं खेती करके अपना जीवन यापन करता हूं। जांख में पिछले सात साल से दर्द के कारण चल भी नहीं पा रहे थे। दर्द के कारण काम करने की क्षमता नहीं रही। निजी अस्पताल में  सर्जरी में दो से ढाई लाख रुपये का खर्च कहा था। लेकिन मैं अपनी खराब आर्थिक स्थिति के कारण परेशान था।"

नवी सिविल के अधीक्षक डॉ. गणेश गोवेकर की देखरेख में हड्डी विभाग में हर महीने 20 से 25 हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की जाती हैं। निजी अस्पताल में प्रति ऑपरेशन दो से तीन लाख रुपये खर्च होता है। इसके अलावा, 15 से 20 सफल सरल घुटने प्रतिस्थापन सर्जरी भी हैं। हड्डी विभाग के प्रमुख डॉ. हरि मेनन के नेतृत्व में डॉ. मनीष पटेल, डॉ. सनी शेठना, डॉ. चिराग पटेल, डॉ. शेट्टी, डॉ. नागेश सहित डॉक्टरों की टीम द्वारा प्रतिदिन 200 से अधिक मरीजों का इलाज किया जाता है। जिसमें जन्मजात कमर दोष, रीढ़ की हड्डी एवं अन्य हड्डी रोगों की सफल सर्जरी की जाती है।

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