खाटूश्यामजी मेला विशेष : एकादशी पर नीले घोड़े पर नगर भ्रमण को निकले बाबा श्याम

बाबा को चढ़ेगा सूरजगढ़ का निशान 

खाटूश्यामजी मेला विशेष : एकादशी पर नीले घोड़े पर नगर भ्रमण को निकले बाबा श्याम

सबकी जुबाँ पर एक ही नाम : जय श्री श्याम - जय श्री श्याम

भक्तो के हृदय मे एक ही भरोसा, एक ही आशा व दर्शन का विश्वास

खाटूश्यामजी - (सीकर) : हरीश शर्मा/लोकेश सैन -: श्याम बाबा के दस दिवसीय वार्षिक फाल्गुनी लक्खी मेल के दौरान एकादशी को खाटूश्यामजी नगरी में श्याम प्रभु के दर्शन करने के लिए भारत वर्ष के कोने-कोने से श्याम भक्त उमड़ पडे। श्याम भक्तों की प्रभु के प्रति दर्शन की आस्था व भक्ति ने खाटूनगरी को श्याम मय कर दिया। चारों तरफ केवल और केवल बाबा श्याम का नाम व गुणगान दिखाई दे रहा था। श्रद्धा की बहती बयार, रंग गुलाल उड़ाता भक्तों का रैला, आसमान से होती पुष्प वर्षा और हीरे-मोतियों जड़ी रंग-बिरंगी पोशाक, सिर पर केसरिया पगड़ी पहनकर बाबा श्याम रथ पर सवार होकर जब खाटू की गलियों से गुजरे तो हर एक श्याम भक्त पलक पांवड़े बिछाए हुए उनके स्वागत में तैयार खड़े रहे।

एकादशी को खाटू नगरी के भ्रमण के लिए श्याम मंदिर से सुबह सवा ग्यारह बजे रथ पर सवार बाबा श्याम की शोभायात्रा गाजे-बाजे के साथ निकाली गई। शोभायात्रा के आगे सैकड़ो श्याम भक्त रंग गुलाल उडाते नाचते हुए चल रहे थे। पूरा खाटूधाम बाबा श्याम के जयकारों से गुंजायमान हो रहा था। कोई श्याम प्रेमी पैदल, पेट पलायन, दंडवत तो कोई घुटनों के बल मीलों की यात्रा करके आया है। लेकिन, ना कोई पीड़ा है ना ही चेहरे पर कोई शिकन। भूख- प्यास की भी चिंता नहीं है। बस भावों से भरे ह्रदय में नाम एक है, लक्ष्य एक है, भरोसा एक है, आशा व उम्मीद एक है..बाबा श्याम।

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बुधवार को एकादशी होने की वजह से श्याम भक्तों की तादाद एक दम से बढ़ गयी। श्याम बाबा के दर्शनों की कतार में लगे श्याम भक्त प्रभु के जयकारे लगाते हुए बाबा श्याम के दर पर बढ़ रहे थे वहीं सेवा में खड़े स्वयंसेवक व स्काउट्स के नन्हें बच्चें श्याम भक्तों में जयकारों व तालियों से जोश भरते नजर आये। बाबा श्याम के पदयात्रा आने वाले रींगस से खाटूधाम के बीच भण्डारों में जहां अनेक भांति के व्यंजन का आनन्द ले रहे थे वहीं सेवा कर रहे स्वयंसेवी संस्थाओं के सेवादार सेवा करने में अपनी और से कोई कसर नहीं छोड़ रहे थे।
नीले घोड़े पर नगर भ्रमण को निकले बाबा श्याम -: बाबा श्याम के फाल्गुनी लक्खी मेले में एकादशी के पावन अवसर पर रथयात्रा निकाली गयी। बाबा श्याम नीले घोड़े पर विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण को निकले। बाबा श्याम की सवारी शाही लवाजमे के साथ श्याम मंदिर से आरम्भ हुई। रथयात्रा के साथ हजारों श्याम भक्त नाचते-गाते गुलाल, अबीर उडाते हुए साथ चल रहे थे। बाबा श्याम की दीवानगी में मस्त श्याम प्रेमी कभी नाचत-गातेे रहे तो कभी गुलाल उडाते हुए मस्ती में नहाते नजर आये। रथयात्रा के दर्शन करने के लिए गलियों में धर्मशालाओं की छतों पर श्याम भक्त व ग्रामीण अटे रहे। बाबा श्याम के रथ के दीदार पाने के लिए प्रसाद लेने की भक्तों में होड़ लगी रही। रथयात्रा नगर के प्रमुख मार्गाें से होते हुए मुख्य बाजार पहुंची जहां पर बाबा श्याम की आरती की गयी।

भक्त और भगवान की अटूट आस्था का नाम बना खाटूधाम -: बाबा श्याम के लक्खी फाल्गुन मेले में श्याम भक्तों का हुजूम उमड़ पडा। बाबा श्याम के लाखों दीवानों की मस्ती इस समय खाटूधाम में देखने को मिल रही है। बाबा श्याम के भक्त श्याम बाबा के दर्शन करने के लिए खाटूधाम आ रहे है। इन भक्तों का बाबा से अटूट संबध बन चुका है। दिल्ली, कोलकाता, मुम्बई, पंजाब, हरियाणा, चैन्नई सहित विभिन्न प्रान्तों से श्याम भक्त ना केवल पहली बार खाटू आ रहे है वरन लाखों श्याम भक्त हर साल बाबा के फाल्गुन मेले में आते है यहां तक श्याम भक्त पीढ़ी दर पीढ़ी बाबा श्याम के दीदार को आते है। कोलकाता के एक श्याम भक्त ने बताया कि खाटूधाम में परिवार के जैसा माहौल लगता है और हमारे  पूर्वज भी यहां दर्शनार्थ आते रहे है। इसलिए हम में फाल्गुन मेले में आने की परम्परा ही बन गयी है।

भजन संध्याओं मे झूम उठे श्याम -: श्याम बाबा के वार्षिक  लक्खी मेले में सभी धर्मशालाओं व पांडालों मे बाबा श्याम का अलौकिक दरबार सजाकर भजन संध्याओं का आयोजन किया गया जिसमें अनेक श्याम भजन गायकों ने बाबा श्याम को भजनों से रिझाया तो वहीं श्याम भक्त भजनों की स्वर लहरियों पर थिरकते नजर आये। श्याम बाबा के मेले की व्यवस्थाओं का जिला कलेक्टर कमर उल ज़मान चौधरी, पुलिस महानिदेशक सतेंद्र सिंह, पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण यादव, मेला मजिस्ट्रेट एवं उपखण्ड़ अधिकारी गोविन्द भींचर, सहायक मेला मजिस्ट्रेट महिपाल सिंह राजावत सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने कमान संभाली।

चढ़ेगा सूरजगढ़ का निशान -: बाबा श्याम के फाल्गुनी लक्खी मेले में परम्परा के अनुसार सूरजगढ़ का प्राचीन निशान द्वादशी गुरुवार को चढेगा। वर्ष प्रयन्त शिखरबंद पर चढ़े रहने वाला निशान जत्थे के साथ चढ़ाया जायेगा।

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